की सितारे गर्दिश में हो तो,
अपने भी आजमाने लगते हैं
लोग हाथों से पीठ थपथपाते है
ओर बातों से नमक लगाने लगते है
साथ देता कोई नहीं मुश्किलात में,
अपने करीबी ही आईना दिखाने लगते है
ओर इतने तो जिंदगी में रिश्ते नहीं है मेरे,
जितने लोग आके मेरी गलतियां गिनाने लगते है
अच्छी नियत कभी हारती नहीं है
अब ये बातें सिर्फ झूठ और फसाने लगते है-
"कभी वो दिन भी आएगा
के आजाद होंगे हम
यह अपनी जमीन होगी
ये... read more
कोशिशें तमाम करके देख ली
बहस सरेआम करके देख ली
मान लिया की किस्मत में ना था वो मेरे
मैंने तो जिंदगी भी उसके नाम करके देख ली-
अब वो हलचल नहीं होती है यहां,
आजकल गाँव वीरान लगने लगा है
भीड़ लाखों की है शहरो में पर,
दिल सबका सुनसान लगने लगा है
ऊंची हो गई है इमारतें, रिश्तों से
अब घर, घर नहीं मकान लगने लगा है
रुख बदली हवा की कुछ इस कदर
की, इंसान अपनों से परेशान लगने लगा है
चेहरे पे मुखौटा स्वार्थ का पहन
खून का रिश्ता भी, अब बदनाम लगने लगा है
बांट रहे है समाज को, अमीरी की तर्ज पे ऐसे
की, इंसान बाजार में बिकता सामान लगने लगा है
मैने देखा है करीब से, इंसानियत को इस तरह
की,अब रावण का व्यक्तित महान लगने लगा है-
अब वो बात नहीं रही इन अंधेरों में
जिससे मासूम दिल डर जाया करता था
नफरत अब हर उस किरण से है
जो उम्मीद दिखा के मुझसे ओझल हो जाती हैं-
वो आर्थिक सूत्रधार भारत को हमेशा ऊंचा उठाए रहे।
काम किया शालीनता से, और सर अपना झुकाए रहे।
माना ऊंची आवाज, किस्से लोगों को दूर तक सुनाएगी
पर खामोशी आपकी, इतिहास सदियों तक बताएगी
इस राजनीति के तराजू में आपके कर्मों का पलड़ा भारी है।
देश को बचाया आपने तब से, हर शख्स आभारी है।
जब से खामोश हुए हो, आपके व्यक्तित्व की कहानी सब सुना रहे है।
"End of an era" कह कर, लोग तालियां रो कर बजा रहे है।-
आई कितनी शख्सियत जो अपनी शोहरत दिखा गए
जीवन का सुकून सादगी में है ये रतन साहब सीखा गए
भारत की धरती से आज ईमानदारी और उदारता का नूर चला गया
मिले कई रतन भारत को पर, आज बेशकीमती कोहिनूर चला गया
💐🙏🕯️-
एक बार फिर इन्सानियत शर्मसार हो गई
हवस के अंधेरे में एक मासूम जिंदगी फिर खो गई
आज बात नही करूंगी किसी निर्भया की
देश में ऐसी घटना तो अब आम हो गई
दर्द, चीख, पीड़ा उसकी बस कुछ दिनों की याद हैं
इंसाफ कैसे मिलेगा जब प्रशासन इन दरिंदो के साथ है
कुछ दिन जस्टिस के नारे गूंजेंगे ओर,
सड़कों पे फिर मोमबत्तियां जलाएंगे
कैसे बदलेगी सोच जब तक,
हम लड़को को नही सिखाएंगे
कोई नही आएगा बचाने, तुम्हे अपनी आवाज बनना होगा
बस अब निर्भया नही बनना तुम्हे अपने हक की लिए लड़ना होगा
फिर बनेंगे कागज पर कानून फिर संसद में बिल आएगा
ओर फिर एक निर्भया पाई गई, हर अखबार बताएगा
सजा का प्रावधान करने से क्या स्थिति बदल जाएगी??
क्या आज के बाद ओर कोई निर्भया नजर नहीं आएगी??
जिस्म नोच लेते यहां एक मुर्दे का भी ये कैसा समाज है??
कहने को तो स्वतंत्र, पर क्या सोच हमारी आजाद है ??-
अंधियारा ना होगा अब अन्याय का
लहू से जलके मैं मसाल बन जाऊंगा
हिसाब देना होगा हर एक सितम का
जिस्म कुर्बा वतन के लिए ढाल बन जाऊंगा
सच को सच झूठ को झूठ कहूंगा
लहू से लिख दे इतिहास,
कलम ऐसी मजबूत बनूंगा
जो दाग लगाए अंग्रेजो ने देश पे
अपने लहू से धोखे वतन सजाऊंगा
गर तकदीर ने मिलाया फिर मुझे हिंदुस्तान से
हर बार इस धरती को अपनी दुल्हन बनाऊंगा
हो गई शहादत पर विचार मेरा अमर रहेगा
वतन की रूह में तुम्हे हमेशा नजर आऊंगा
इबादत_ए_इश्क सदा अपने मुल्क की करूंगा
पुनर्जन्म हो सौ दफा, सर्वदा मैं इंकलाबी बनूंगा-
वतन पे कुर्बान कर देना खुद को बगैर किसी सबब के,
हर शख्स के तकदीर मे तिरंगे का कफन नही होता
लहू देकर कर गया वो आबाद मेरे वतन को,
इस इंकलाबी का विचार कभी दफन नहीं होगा-
फतेह करके दिखाया चांद को
ये भारत की गौरव गाथा है
ये अंतरिक्ष की दौड़ नहीं
ये मेरे संघर्ष की परिभाषा है
इतिहास रचा स्वर्ण अक्षरों मे
रुतबा हिंदुस्तान का छाया हैं
दक्षिणी ध्रुव में उतरा भारत
पहला देश कहलाया है
जो कहते थे अब ना होगा तुमसे
जग जग ने भारत का नाम लिया
उतरा चंद्रयान 3 चांद पर
विश्व ने भारत को सम्मान दिया
गिरा कई मर्तबा
उड़ने की ख्वाइश में
आज अंतरिक्ष में छाया है
सलामी दे रहा पुरा विश्व
तिंरगा चांद पर लहराया है-