जोरों से जारी है इश्क के सिलसिले,
लोग अपने LOVE AFFAIRS
सुनाते हैं,और में अपने
CURRENT AFFAIRS.🇮🇳 💞💝-
तेरे लिए कमरे की चार दीवारों मै
कैद रहता हु, ए वर्दी तुझे पाने के लिए
मैं दिन रात एक करता हु ।💝-
है कलाई सूनी मेरी, औरों के हाँथ में राखी है।
है तिलक सबके मांथे पर, मेरे तन पर खाखी है।।
है गुस्सा मेरी बहना की, आए न अबकि राखी को।
हूँ नही अब तेरी बहना, बहन बना लो खाखी को।।
री बहना सबकी रक्षा का, भार मेरी इस खाखी पे।
है वादा की आऊंगा मैं, पक्का अगली राखी पे।।
बहना तेरा प्यार मिल गया, है खत वाली राखी में।
घर आके दे दूंगा पैसे, पड़े जो मेरी खाखी में।।
हर पल करू मैं तेरी रक्षा, कसम मुझे इस राखी की।
मातृभूमि की करू सुरक्षा, कसम मुझे इस खाखी की।।
🙈🙉🙊
- Ajay Kaurav
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एक राह रुक गई,
तो और जुड़ गई
मैं मुड़ा तो साथ-साथ,
राह मुड़ गई हवा के परों पे,
मेरा आशियाना-
अभी कोशिशें तमाम बाकी है
मर रहे हो माना आज
कुछ तानों से
मगर जीने की वजह भी तो खाकी है
👮🍁-
खाखी वर्दी का एक ही रंग है ।
देशभक्ति मे ही जन्मा सेवाभक्ति का तरंग है।
ना त्योहार की बात होती हैं।
रात को मेरे देश वाले चैन की नींद सोते है।
दीवाली ,होली के त्योहार में धूम मची होती है।
हम देशभक्त की नजर चारे ओर पेहरा देती हैं।
कुछ ऐसे ही जीवन के मेरे ढंग है ।
इसलिए तो मेरी वर्दी मे भी तिरंगे की तरंग है।
ना रो पाता हूं ना ही चैन से सो पाता हूं दोस्त।
आजकल कोरोना मे कभी दो रोटी भी नसीब नही होती है ।
बहुत कम लोग हैं जो ईमानदारी दे ड्यूटी निभाते हैं।
हम तो ऐसे है कि रात को भी शहेर का पेहरा देते हैं।
फिर भी लोग हमें ही कौसते हैं।
खाखी वर्दी का एक ही रंग है ।
देशभक्ति मेही जन्मा सेवाभक्ति का तरंग है।-
वक़्त के पन्नों में ये हसीन पल,
कुछ ऐसे घर कर गए हैं;
आज पलटा उन पन्नों को,
तो पता चला;
तीन साल गुजर गए हैं।।-
कभी आहत हूँ, कभी चोटिल हूँ,
और कभी तिरंगे में लिपटी,
रोती सिसकती छाती हूँ,
मैं खाकी हूँ।-
तेरे ही शहर में तुझे सरहद दिखाएगी...
खाकी है ऐसे हज़ारों से बचाएगी..
जिस खाकी पर कोई धब्बा ना लगा हो
ना वक़्त का ना शक्ति का ना अर्थ का ..
अक्सर गौरव का लाल तिलक लगाएगी,
फिर खाकी किसी और तन पर सज जाएगी |
जुनून और दीवानगी खाकी की कम नहीं
खाकी फर्ज़ थी फर्ज़ है और फर्ज़ निभाएगी 🙏
Dedicated to Real heroes of our country... Jai hind ❤️🇮🇳
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