मेरे पिता जी जो खुद कारगिल युद्ध के हिस्सा है
मुझे गर्व है कि मै उनका बेटा हूं🇮🇳♥️🇮🇳-
KARGIL : - " एक अमर शौर्य गाथा "
लिख रहा हूं शौर्य गाथा , उन अमर जवानों के सहादत में ..
टपक रहे हैं ये लहू रूपी आंसू , उन शहीदों के इबादत में ..
जहां भेजी गई थी पैगाम-ए-अमन , वजीर-ए-पाक के लाहौर में ..
वही रचाई गई थी नापाक साजिश , कारगिल के एक छोर में ..
यह जंग नहीं एक चाल थी , मुशर्रफ के नापाक इरादों का ..
दिखाई हमने उसे अपनी औकात , भारत से किये झूठे वादों का ..
दागे जा रहे थे बेशुमार गोलें , जवान-ए-हिंद के सीने में ..
ढेर हुए जा रहे थे फौज-ए-पाक , हिंदुस्तानियों के जीतोड़ हौसले में ..
देखी जा रही थी ये पहली जंग , हर घरों के दूरदर्शन में ..
नतमस्तक हो रहे थे हर एक सर , उन शहीदों के दर्शन में ..
अमर रहेगी ये शौर्य गाथा , उन हर एक परमवीरों के नमन में ..
जिंदा हैं शहादत की हर वह लाशे , तिरंगे से लिपटे कफन में ..
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इक नाम मैं गुमनाम हूं ,
मुझको आबाद तुम कर देना ।
जब लड़ने जाऊं बॉर्डर पे ,
तिलक मेरा तुम कर देना ।।
जब मरू देश के खातिर मैं ,
बस जिंदाबाद तुम कह देना ।
जब आए घर शव मेरा तो ,
बस कफ़न तिरंगा कर देना ।।
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Lage jand thokare kabhi to zindagi ruka nahi karati
Badshahat hai apani duniya yu hi jhuka nahi karati
Asmaan darya aur parwat sabhi karte hai hifazat isaki
"Bharat" baap hai tumhra isaki hasti hijado ke waar se dagmagaya nahi karati
#Pulwama
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Jinhone di shahadat thoda unhe bhi yad kar lo
Aashiqui chahe Karo kisi se vatan se bhi pyar kar lo
Zyada kuch nahi maangta tumse ye mulk
Bas Tiranga dikhe jab jab jhuk k salaam kar lo-
सैनिकों के काव्यों में आप वीर रस से उत्साहित हो जाते हैं लेकिन उस वीर रस का आधार प्रेम है।
जब सैनिक,मां,पिता,पत्नी, बच्चे दोस्त; मोह को त्यागकर प्रेम को अपनाते हैं तभी एक इंसान सैनिक बनता है। मोह त्यागकर प्रेम पथ पर चलना साधारण बात नहीं। इसलिए ही हम वीर सैनिकों के साथ उनके परिवार जनों को भी शीश झुकाते हैं।
चाहे न जाना मन्दिर, न जाना मस्जिद,
चाहे न जाना गुरुद्वारा, न जाना गिरिजाघर,
चाहे न जाना काबा, न जाना चारोंधाम,
गर जाना किसी सैनिक के घर...|2|
तो झुककर करना एक प्रणाम।
जब सैनिकों ने विक्रम परिचय दिया था,
जब बत्रा ने ये दिल मांगे मोर कहा था,
जब कारगिल को अपने लहू से सींचा था,
तब 26 जुलाई विजय दिवस कहलाया था।
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दिलो में हौसलो का तेज
और तूफ़ान लिए फिरते हैं ...
आसमा से ऊँची
हम अपनी उड़ान लिए फिरते हैं ...
वक्त क्या आज़माएगा
हमारी देश भक्ति के ज़ुनून को
हम तो मुट्ठी में भी
अपनी जान लिए फिरते हैं ...-
कितना कमा लेते हो साहब,,,????
1.3 अरब सलाम एक दिन में....!!!!
- a Soldier Replied
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जिनके कंधों पर थे चमकते सितारे,आज चमक रहे बनके आसमाँ के तारे।
किसी का बेटा,किसी का भाई तो किसी के पति,हमारे लिए तो जान से भी प्यारे हैं हमारे सैनिक सारे।
सरहद पर खड़े देश के जवान भी सोच रहे होंगे,
मर जाते हैं हम जिनके लिए दुश्मनों के हाथों,क्या वह हमारे लिए भी रोते होंगे।
वो खूबसूरत बर्फ की वादियां तब खून में सुनी थी,
सो रहे थे आखिरी नींद वो बेटे
जब मां की गोद ये हिंदुस्तान की जमी बनी थी।
सबने कुर्बान किया कुछ ना कुछ तिरंगे को आंच ना आने दी,
और एक भी गोली हमारे फौजियों ने बर्बाद न जाने दी।
मेरा भी यार शहीद हुआ पर कर्मभूमि की लाज बचानी थी,
लूट रहे थे मां का आंचल, दुश्मनों को औकात बतानी थी।
था मुश्किल बर्फ में पर्वत को चढ़ना,जाकर दुश्मन को खाक किया,
नाजायज़,डरपोक,बुज़दिल दुश्मन से अपने कारगिल को आजाद किया।-