"ताउम्र की गुलामी मंज़ूर की थी ना मैंने, तुम रिहाई चाहते थे....
तो अब मेरे कंगन का,घड़ी में तब्दील हो जाना,
क्यों खलता है तुम्हें...???"
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हमारे दर्द भरे जुदाई का...
एक कारण यह भी था...
मेरे पास सिर्फ कुमकुम था...
कंगन,नौलखा हार नहीं था...-
ना हमे प्यार है.. हमारी उन निंदियो से,
हमे तो प्यार है.. आपके माथे पे लगाये बिंदियो से ।
ना हमे प्यार है.. किसिके हमे मिलने से,
हमे तो प्यार हैं.. आपके कानो मे हिलते झूमके को देखने से ।
ना हमे प्यार है.. कीसिसे साथ बतियाने से,
हमे तो प्यार हैं.. आपकी नखराली उस नथनीयो से ।
ना हमे प्यार है.. पैसो की उन गड्डियो से,
हमे तो प्यार हैं.. आपकी लहराती घनी जुल्फो से ।
ना हमे प्यार है.. लगाये आपके बंधनो से,
हमे तो प्यार हैं.. आपके हात मे पहने हुये कंगनो से ।
ना हमे प्यार है.. चिखती उस चिल्लरो से,
हमे तो प्यार हैं.. छुम छुम बजती आपके पैंजनो से ।
क्या ये प्यार भि कोई प्यार है...??
हमे तो प्यार हैं.. आपके उस कुदरती खुबसुरती से.. ।-
ले गया आज उसे कोई सोने के कंगन में
मैं हूं कि पीतल के झुमके लिए बैठा हूं
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मेरे दिये हुए 'कंगन'..उसे 'मसरूफ़' रखते हैं😘
मेरे 'इश्क़' में खोये रहना..उसका 'क़रार' बन गया💕-
वह दिखा दिखा कर हाथ के कंगन समझा रही है,
पराई हो चुकी हूं इशारों ही इशारों में बतला रही है।-
ढूंढता है अक्सर वो,,
अपना नाम मेरी हथेली में,,
अब उसे कौन बताये,,
मैंने तो उसे अपने कंगन मे जड़ा रखा है......!!-
घड़ी तो दोस्त देते हैं
तुम "हाँ" तो कहो
मैं कंगन देना चाहता हूँ तुम्हें।।-
"Teri YAADE"
Wo meri life me tere hisse k kuch pal jab bhi yad aate hai
Dil ko sukun ,muh pe muskan aur aankho me aansu de jate hai
Teri payal ki chhun chhun aur kangan ki khan khan ,mano jaise mere kano ko ek aavaj de jate hai .
Dil ko sukun,muh pe muskan aur aankho me aansu de jate hai.
Wo har ek pal ,jo teri yado me bite ,wo bahut sata jate hai,
Mujhe har pal rula jate hai .
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आप अपने कंगन का माप बताइए मोहतरमा
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आप मुझसे मेरी कमाई न पूछिए....!!-