तबाह मेरी ख़्वाहिशों के मकां हो गए,
यूँ ही नहीं हम चलते-फिरते क़ब्रिस्तां हो गए!-
लाज़मी है वो कब्रिस्तान की चुप्पी जनाब,
बेहस करने की सारी वजह जो खत्म हो गई ।-
वो कह के चली गयी कि " ख़्वाहिशों को पूरा करो "
लेकिन वो ये ना समझ सकी कि
* हमारी एकलौती ख़्वाहिश वो थी *-
जाने कितने अरमान जल गए
हालातों के शमशान में
बचे हुए ख़्वाब दफ़न हुए
इस दिल के कब्रिस्तान में।
-
Yaha Labo Se Muskurate Hue Log
Andr Se Pareshan Bht Mile,
Lgta Hai Mohabbat Guzri Hai Abhi Yaha Se
Isliye Iss Raste Mein Kabristan Bht Mile.-
मैं तो अक्सर बाज़ारों में, इंसान देखने जाता हूँ!
गरीब लोगों के दिलों का, इमान देखने जाता हूँ!!
वो मिट्टी को भी सोना कर दे, इतनी ताकत रखता हैं!
जिससे जिंदा देश हैं मेरा, वो किसान देखने जाता हूँ!!
अपने सफ़र में फिर मुझे, दो-चार दोस्त मिल जाते हैं!
मैं थका हारा मुसाफ़िर,अपनी पहचान देखने जाता हूँ!!
अपनी आखिरी मंजिल के,दीदार भी होते हैं ख़ामोशी से!
अमन-ओ-सुकून से भरपूर,वो क़ब्रिस्तान देखने जाता हूँ!!
—N@D€£M K #@N
-
न जाने कितने ख्वाब दफ़न कर रखे हैं इनमें !
ये आँखें ना हों इक क़ब्रिस्तान हो जैसे !!
-
बहुत पिया नीबूं पानी कोई और दवा बनाओ वैद्य
चाहत का नशा है उतरता ही नहीं कोई जड़ी बूटी पिलाओ वैद्य
चाहत की चिता जालाओ वैद्य, मौत की सजा सुनाओ वैद्य
हे धरा के ईश्वर अनिल को कोई बूटी पिलाओ वैद्य-
उसको उतारने के वास्ते मैंने इतनी जाम पीली,
की कब्रिस्तान में भी मुझे मयखाना नजर आने लगा है!-