NADEEM Khan "Kaavish"   (N@D€£M K#@N)
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Joined 12 February 2020


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Joined 12 February 2020
1 JAN 2023 AT 15:37

बहुत ही दूर से आता हुआ इक शख़्स है मुझमें
दिसंबर हूॅं अगर मैं, तो ये समझो जनवरी हैं वो

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5 NOV 2022 AT 13:52

बहुत मौसम, बहुत से दौर आये!
सिवा तेरे न दिल में और आये!!

बताएँगें सही छप्पन का मतलब!
उसे कहना कभी इंदौर आये!!

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10 AUG 2022 AT 16:04

یہ دنیا کیا سمجھتی ہے، مجھے کوئی تو سمجھائے
وگرنہ میں بتاتہ ھوں یے خود کو کیا سوچتی ہے۔
ندیم خان —



ये दुनिया क्या समझती है, मुझे कोई तो समझाओ ?
वगर्ना मैं बताता हूँ ये ख़ुद को क्या समझती है!!

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16 JUL 2022 AT 13:32

उसके होंठ चूमे तो मालूम हुआ यूँ!

सारी क़ायनात की मिठास यहीं हैं!!

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16 JUL 2022 AT 13:21

मैं तुझे भूल तो जाऊँ मगर,

भूलकर जाऊँ कहाँ, ये बता?

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16 JUL 2022 AT 13:17

मुझे ये डर था,होश न खो दूं लेकिन!

मलाल ही नहीं हुआ बिछड़ने का!!

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16 JUL 2022 AT 13:15

जिस हाल में मिला था,उसी हाल में छोड़ गया!

जो कसमें तक नहीं तोड़ता था,वो दिल तोड़ गया!!

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16 JUL 2022 AT 13:12

नेताओं की ज़िन्दगी में तनाव हैं!
भूखे प्यासे लोगों से भी लगाव हैं!!

मोहब्बत का दौर हैं अब हर जगह!
लगता हैं मेरे शहर में चुनाव हैं!!

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16 JUL 2022 AT 13:08

अपनी आँखों से खंजर चलाते हो तुम!
फिर जख्मों पे मरहम भी लगाते हो तुम!!

तुम्हारा ये चहरा तक पूछता हैं हमसे!
इतना मासूम चहरा क्यों बनाते हो तुम!!

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22 JUN 2022 AT 15:29

बात ये हैं कि अब हर बात में!

मैं मुस्कुराता हूं,खुश नहीं होता!!

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