फ़ना दिल की तसल्ली को, बस इक तस्वीर होती है
बदन तस्वीर कर दे जो, बस इक तस्वीर होती है
किताब-ए-ज़िन्दगी के आख़िरी औराक़ पलटाकर
मैं जब भी देखता हूं तो, बस इक तस्वीर होती है
✍🏻 : Nadeem Khan "Kaavish"🥀
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काश तुझे किसी शायर से मोहब्बत हो जाए!!
— #RAHAT_... read more
बहुत ही दूर से आता हुआ इक शख़्स है मुझमें
दिसंबर हूॅं अगर मैं, तो ये समझो जनवरी हैं वो-
बहुत मौसम, बहुत से दौर आये!
सिवा तेरे न दिल में और आये!!
बताएँगें सही छप्पन का मतलब!
उसे कहना कभी इंदौर आये!!-
یہ دنیا کیا سمجھتی ہے، مجھے کوئی تو سمجھائے
وگرنہ میں بتاتہ ھوں یے خود کو کیا سوچتی ہے۔
ندیم خان —
ये दुनिया क्या समझती है, मुझे कोई तो समझाओ ?
वगर्ना मैं बताता हूँ ये ख़ुद को क्या समझती है!!-
उसके होंठ चूमे तो मालूम हुआ यूँ!
सारी क़ायनात की मिठास यहीं हैं!!-
मुझे ये डर था,होश न खो दूं लेकिन!
मलाल ही नहीं हुआ बिछड़ने का!!-
जिस हाल में मिला था,उसी हाल में छोड़ गया!
जो कसमें तक नहीं तोड़ता था,वो दिल तोड़ गया!!-
नेताओं की ज़िन्दगी में तनाव हैं!
भूखे प्यासे लोगों से भी लगाव हैं!!
मोहब्बत का दौर हैं अब हर जगह!
लगता हैं मेरे शहर में चुनाव हैं!!-
अपनी आँखों से खंजर चलाते हो तुम!
फिर जख्मों पे मरहम भी लगाते हो तुम!!
तुम्हारा ये चहरा तक पूछता हैं हमसे!
इतना मासूम चहरा क्यों बनाते हो तुम!!-