बहुत छोटा है कद ए आसमाँ तेरा
तुझसे ऊँची तो मैं अपने हौंसलों की उड़ान रखती हूँ-
ये हर रोज नए दर्दों का मेरे घर आना कैंसे
हो रहा है लगता है कोई मेरा पता ग़मों के
दफ्तर में भूल आया है-
दिवाली की रात को जबरदस्ती
काजल लगा दिया करती है,
बाहर कहीं से भी घूम कर आओ
तो खाना लगा दिया करती है,
सर दर्द की शिकायत करो तो
ठंडा तेल लगा दिया करती है,
कितनी भी गलती कर लो वो
हमेशा माफ़ कर दिया करती है,
करू गर उसके ममता की तारीफ
तो हंस कर टाल दिया करती है,
जब भी घर जाता हूं तो वो
मेरी नज़र उतार दिया करती है,
हां, वो औरत मेरी "मां" ही है जो
मुझे इतना प्यार दिया करती है !!!-
लिखेंगे तो ए जिंदगी, एक शर्त लिखेंगे
सब्र की इंतहा हो पर अब ना दर्द लिखेंगे
वह कायदा जिसमे उलझे दायरे मेरे
तलख होती अजिजे, अधूरी रजायें मेरे
अब हार नही सिर्फ तकरार लिखेंगे
लिखेंगे तो ए जिंदगी, एक शर्त लिखेंगे
वाक़िफ़ तुम भी हो ना ,मेरी मुफ़्लिसियों से ए जिन्दगी
कलम उठे तो भी , स्याही तक रूठ जाए
पर जिद्द है हमारी भी ,कतरा -कतरा बेशक बह जाए
अब जान नही पहचान लिखेंगे
लिखेंगे तो ए जिंदगी, अब आन लिखेंगे।
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पड़ जाती हैं दरारें पत्थरों पर, बूंदों की चोट से...!
पल रहे हैं भ्रष्टाचारी कीड़े,नेताओं की ओट से...!!-
ये"ज़िन्दगी"हर रोज अपना एक नया राग सुना जाती है !!
ये समझ मे तो नही आती पर बहुत कुछ समझा जाती है।।-
एक पल था जब खुद मे,मैं ही नही था।
एहसास तब हुआ मुझे तेरे होने का...
जब मैं शाम को सही सलामत,
घर बैठकर मुस्करा रहा था।-
जिंदगी कब कैसा मोड़ लेगी पता नहीं
आपका आज बेहतर है आज में रहिए
नहीं तो आपका कल कैसा होगा पता नहीं
आपका कल आज से बेहतर भी हो सकता है और बदतर भी।
(I don't know when life will turn
your today is better stay in today
Otherwise I don't know how your tomorrow will be
Your tomorrow can be better or worse than today.)
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उन्होंने कहा 4 दिन में मोहब्बत नहीं होती,
उन्हें क्या पता एक पल ही काफी होता बर्बाद होने के लिए।-
अब ना किसी का दिल दुखाएँगे
अब ना किसी पर हक जताएंगे
अब यूँही ख़ामोश रहकर
ये दो पल की जिंदगी बिताएँगे ।।।।-