उनके सितम के सरहदों...
के पार अब नहीं निकलना है...
उन्हीं की यादों में चिराग बनकर...
अब हमें ताउम्र जलना है...-
महोब्बत में उसकी कुछ यूँ
पिघलते हैं हम...!🙂
कि रौशन उसकी जिदंगी करने को ,
हर रात जलते हैं हम...!! 🙁😐-
میں مثل موم ہوں قطرہ قطرہ پگھل کر ہو جاؤنگی فنا
اپنی یادوں کی آگ سے کہہ دو اسقدر نہ جلائیں مجھے
Mai misle mom hu qatrah qatrah pighal kar ho jaungi fana
Apni yado ki aag se kah do isqadar na jalaye mujhe
✍️رائٹس۔ناعمہ اصلاحی-
ताउम्र जलते रहे हैं धीमी-धीमी आँच पर
तभी ये इश्क़ और चाय मशहूर हुए हैं-
Ab unko kisi aur ke sath dekh kar dil jalta nahi hai sahab..!!
Dil JAL chuka hai..!!!-
वो खुद से तिनका-तिनका जलने लगा जब अपने ही उससे दूजे लगने लगे...
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फ़क़त...
आगे बढूँ...
और तुझे भूल जाऊं...
इससे तो अच्छा है...
यहीं रहूँ...
और तेरी यादों में जल जाऊं...-
बेवज़ह ही मैं एक वजह -सी बन जाती हूँ
घोर अंधेरे में दिए कि रोशनी बन जल जाती हूँ।-
अभी आग उसमे भी होगी,
जरा सा छूने पर जल जाओगे
आग में जरूर कुछ ख़ास बात होगी ...!!-