द्वन्द्वात्मकता मन की,
प्रतिक्रिया में झलकती ।
मन के भावों का
परावर्तन होता,
मन दर्पण प्राचीर पर......
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किसी तल पर तो
प्रकट होगा एक बिंदु
जो एक ठहराव,
समूची आंतरिक शक्ति ,
केंद्रित ऊर्जा का संपूर्णन
करता होगा.............
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14 JAN 2021 AT 19:49
27 OCT 2017 AT 9:11
आज मर जाऊं
तेरी यादों की आगोश में...
कि ज़िंदा रहने के लिए,
सिर्फ़ तेरे होने का
एहसास काफ़ी नहीं....!!-
25 JUL 2020 AT 13:30
चलो कुछ नया शुरुआत करते हैं.....
कुछ दिल में नई आस भरते हैं ।
गमों को भूलाकर ,
खुशियों को अपनाकर ,
कुछ खुद की अच्छाइयों को जानकर,
कुछ खुद की बुराइयों को सुधार करते हैं.....
चलो कुछ नया शुरुआत करते हैं.....
कुछ दिल में नई आस भरते हैं ।।
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17 DEC 2019 AT 12:55
काश हमदोनो इतने समझदार होते,
मै तेरा इश्क़ सम्भाल लेती और...
तुम अपना गुस्सा सम्भाल लेते ।।-
28 AUG 2019 AT 14:21
तुम्हारी धुन में रमी ये सांवरी
कभी मोहन, तो कभी गिरधारी !
चलत-फिरत बस रटत नाम तिहारो
मीरा भई जई में आधी बावरी ! !
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15 NOV 2020 AT 14:17
I was "SCREAMING" like "HELL" but,,
Nobody were having the capacity to know that.......!!!-