किसी को प्यार करने के लिए,
एक बहाना काफी होता है,
स्वयं को लांछन से बचाने के लिए...
वहीं एक वज़ह काफ़ी होती है,
किसी का दिल तोड़ ---
--किसी से दूर जाने के लिए,
एक वज़ह काफ़ी होती है,
नि: शब्द होने के लिए...
एक वज़ह काफ़ी होती है....
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दिल को कौन समझाए,
क़ि आज हमें दिलबर याद आए,
भूले-बिसरे पल, जो थे कल,
आज क्यूँ फ़िर वही हमें याद आए,
दिल को कौन समझाए,,
हम दिल-ए-हाल उनसे ना कह पाए...
रह-रह कर आज फ़िर वही याद आए....-
अधूरा सा मन मेरा...
लगे जैसे थम -सा गया पल मेरा..
सुनकर खबर लगे जैसे छूटा कोई मेरा...
अधूरा - सा मन मेरा...
प्राण ही नहीं निकले .. सुनकर खबर लगे जैसे..
.. पापा की गोद.. कहीं छूट ना जाये..
लाडली को लाड़ करने वाला दूर ना हो जाये..
अधूरा - सा मन मेरा...
सुनकर खबर लगे जैसे छूटा कोई मेरा..
..... जैसे छूटा कोई. मेरा...
अल्फाज़ - Rinky तोमर 🤥-
माना कि ज़िंदगी बेवफ़ा है...
जाना कि हर लफ्ज़ कहना गुनाह है..
माना कि ज़िंदगी बेवफ़ा है...
जिसमें प्यार करना जायज़ है..
परंतु प्यार हमेशा वफ़ा करे ये जायज़ नहीं...
अक्सर बेवफाई प्यार को बदनाम किया करते हैं...
माना कि ज़िंदगी बेवफ़ा है....
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इश्क़ वो सीढ़ी है...
जो स्वयं को बेफ़िक्र बना देती है..
न मजहब न जात देखता है,. सिर्फ विश्वास देखता है...
इश्क़ वो सीढ़ी है...
जिसके कांधे पर सिर रख आप किसी के साथ दगा कर बेवफाई भी कर लेते हो...और उफ़ भी नहीं करते....
इश्क़ नुमाइश नहीं,इश्क़ फ़रियाद नहीं करता...
इश्क़ वो विश्वास की सीढ़ी है, जो बेइंतिहा मोहब्बत करता है!!!....-
यकीन नहीं होता कि डॉ. अभय कुमारशांडिल्य सर अब नहीं रहे......😞
जो सदैव विद्यार्थियों को जीवन की एक नयी मंजिल दिया करते थे.....
यकीन नहीं होता कि सर आप नहीं रहे....
आप को खो देना संस्कृत जगत की अपूरणीय क्षति है..... 😕
ईश्वर आपकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें..!!
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:-
Khushi ho jaygi puri,
Tum aajao ydi,,
Ye adhuri raat badal jaygi,
Kami tumhari mujhe na satayegi...
Tum aajao ydi, .... Khushi ho jaygi puri..
Tumse lgta jahan khaali hai.. Tum bin raat ab lgti kaali hai...
Tum aa jao ydi...,..
Khushi ho jaygi puri... Maa❤️..
Chaand dekhkr beeti ye raat hai.. Aaj bahut yaad aata tumhara saath hai...
Tum. Aajao ydi.. Khushi ho jaygi puri...Maa💞
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चाहत अधूरी हो या पूरी..
दिल और दिमाग़ से जाती नहीं उसकी दूरी..
चाहत,किसी दुश्मन की भी ना रहे अधूरी..
दिल-ऐ -जज़्बात.. ना बता सके तो क्या..
पर वो ही समझ लेते, हमारी आहत की दूरी..
क्यों रह गयी हमारी चाहत ये अधूरी..
जो उसके बिन कभी ना होंगी पूरी..
चाहत अधूरी हो या पूरी..
ज़िन्दगी की कोई ख्वाइश उसकी रहे ना अधूरी..
मिले उसे ज़िन्दगी में किसी की ना दर्द-ऐ-दूरी
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हम उनसे खफ़ा हैं, वो हमसे खफ़ा हैं,
मगर बात करने को जी चाहता है,..
क्या दिलकश समां है, ख़ुश होने को जी चाहता है
पर ये बिछड़े हुए दिल को क्या कहें हम,..
वह खामोश हैं, हम भी खामोश हैं....
बात करने का तकल्लुफ कोई नहीं चाहता है..
हम उनसे खफ़ा हैं, वो हमसे खफ़ा हैं...
बेचैन दिल ये, उनसे गुफ़्तगू करना चाहता है...-
हम तुम्हारे तुम हमारे बन गए साँवरे
जान से प्यारे हमें लगने लगे हो तुम साँवरे...
बिन तुम्हारे इस जहाँ में और कुछ भाता नहीं..
बिन तुम्हें देखे कहीं चैन अब आता नहीं..
जाने कैसा स्वांग मुझपे कर गए हो साँवरे
जान से प्यारे हमें लगने लगे हो तुम साँवरे....
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