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📷🌸 Capturing beauty, breathing life into st... read more
"तेरी सुबह में मैं"
तेरी सांसों की नर्मी से जब सुबह ढलती है,
हर किरण तेरे ज़िक्र में खुद को ही पिघलती है।
तेरे ख्वाबों की परछाई जब पलकों पे उतरती है,
हर नींद अधूरी सी लगती, जब तू ना मिलती है।
तेरी पलकों की छाँव में मैं सुबह उगाता हूँ,
तेरे नाम की मिठास से चाय सजाता हूँ।
तेरी उंगलियों की सरगोशी जब हवा में बहती है,
रूह मेरी उस खामोशी में चुपके से कहती है—
कि सुबह तब ही सुबह है जब तू पास हो,
हर लम्हा, हर सांस तेरे एहसास हो।
न कोई वक़्त, न कोई मंज़िल की तलाश हो,
बस तेरा नाम, और मेरा तुझमें उजास हो।-
तेरे पहलू में आकर, हर दर्द मुस्कुराता है,
तेरी आँखों की ताबीर में मेरा वजूद निखर जाता है।
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सुबह की ख़ामोशी में,
तुझे महसूस किया मैंने...
तेरी साँसों की महक,
तेरे ख़्वाबों का रंग लिए,
इस दिल ने फिर से तुझमें खो जाना चाहा।-
जब हो तुम सामने तो क़दमों से पहले,
ये दिल तेरी ओर बढ़ने लगता है।
जैसे मुझसे भी पहले मेरा दिल,
तेरे स्पर्श की आरज़ू में निकल पड़ता है।-