कसम से सब्र की इन्तहा हो चली हैं
दर्द-ए-दिल कहना हैं अब मुश्किल
और ये आँखें वीरान हो चली हैं
नहीं हूं अंगना कूदने के काबिल
और ये अंग बेचैन हो चली हैं-
आईना भी अब तो सवाल करता है,
बेवजह का बवाल करता है,
पूछता है क्यों मुस्कान की मुखौटा का रियाज़ करती है तू...
फिर आईना ने फ़रियाद किया...
बेमिसाल कुर्बत है तू काइनात की,
तेरी हकीकत की हंसी का मोहताज है ये जमाना...-
सोचा चलो आज कुछ लिखते खुद के लिए,
सोचकर देखा तो मिलकर भी कुछ ना मिला
कागज़ तो कोरा रह गया, मैं तो तरस गई शब्दों के लिए
कोशिश की मैंने कुछ तो जानू अपने बारे में,
लोग तो बहुत कुछ जानते है इस ज़माने में
सबकी तो उम्र कट जाती है, दूसरों की कमियां बताने में
कलेजा को ठंडक पहुंचाता है कराकर अपमान,
ऐसे तो सोच के है हमारे कलयुग के इंसान
फिर क्या था....
निकल गई वो सोच लिखने की खुद के बारें में
नहीं करना खुद का, खुद के सामने कोई गुणगान
मानो ऐसा प्रतीत हो रहा, मैं कर रही हूं खुद का ही अपमान
रख दिया रूपा ने अपनी कलम को
पर उसकी अश्कों की स्याही ने भीगों दिए कागज़ को...
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उलझ गई थी नज़रे मेरी,
तेरी जुल्फों की जुल्फ शैली से
वक्त तबसे जो रुका है,
वो अबतक रुका ही पड़ा है
हर वक्त दिल को जो सताए ऐसी कमी है तू,
मैं भी ना जानू की इतनी क्यूं लाज़मी है तू
कैसे कहूं की इस दिल के लिए कितनी खास हो तुम,
फासले तो कदमों के है, पर हर वक्त दिल के पास हो तुम
यूं तो पल भर में सुलझ जाती है उलझी जुल्फें,
उम्र कट जाती है पर वक्त के सुलझाने में
कल मिला वक्त तो जुल्फें तेरी सुलझा लूंगा,
आज उलझा हूं जरा वक्त को सुलझाने में...
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हे प्रभु ! तेरी लीला भी अपरंपार है...
तेरा ही बनाया हुआ ये संसार है
तेरे होने से ही कोई चमत्कार है
तु ही है सहारा, तुझसे ही कोई आस है
कभी दुख का तो कभी खुशी का एहसास है
तु ही मेरे जीवन में सबसे खास है
हर वक्त मेरे आस पास है
तु मेरे दिल का सबसे खास है
हे प्रभु ! तेरी लीला भी अपरंपार है...
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I need your support & understanding
I need your shadow & guidance
I need your care & love
I need you at each & every step of my life
Thank You MERI JAAN for being there in every situation of my life....😘-
काश हर कोई अपना होता
कभी ना किसी का दिल रोता
लेकिन ऐसा होना तो सपना होता
काश हर कोई अपना होता
जैसे की कोई सपना होता.....-
छूट गए वो पल, जिसमें बसी थी खूबसूरत यादें
टूट गए वो सपने, जिसके किए थे हमने वादें
मिट गए वो याद्दाश्त, जो गुजारे थे हसीन लम्हें
वक्त के साथ तुमने भी पार कर दी अपनी हदें
मैं क्यों कम रहूं तुमसे, लो हमने भी बदल दिए अपने इरादें
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निरन्तर प्रयास करते रहो, जब तक सफल ना हो जाओगे तुम
पहले दिन नहीं दूसरे दिन नहीं लेकिन एक दिन सफल हो जाओगे तुम
आयेगा एक दिन ऐसा जब अपनी ही जुबानी,
खुद की सफलता की कहानी,
सबको बतलाओगे तुम ।।
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मैंने वफ़ा की और वो खफा हो गए
खफा होने की वजह, बेवजह बन गए
मैंने दिन गीना और साल तक बीत गए
आस जगती रही लेकिन प्यास बुझ गई
मैं ग़लत थी या वो ग़लत थे, ये सोचती रह गई
ये उलझन तो उलझन ही बनकर रह गई
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