पुष्प
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सर से धड़ तक क्या अलग है तु?
वह लाल लहू की धारा बहता
तुझमें, मुझमें, हम सबमें है,
फिर भी क्यों तु उच्च, मैं नीच कहलाते?
(Full piece in caption)-
जिनका छुआ पानी पीने से धर्म नष्ट हो जाता
है उनकी देह पर चढ़ने से कोई धर्म नहीं
रोकता इन्हें
या फिर अपनी हवस मिटाने के लिए यह तक भूल जाते हैं जिसकी इज्जत के साथ हम खेलने जा रहे हैं वह हमारे लिए एक अछूत शरीर है
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🙏 STOP RAPE 🙏
आज फिर ज़ालिम दरिंदों ने एक दिया बुझा दिया,
हंसती खेलती मासूम को मौत की नींद सुला दिया..
क्या बिगाड़ा था उस मासूम ने जो यह दुष्कर्म किया है,
हैवानो की दुनिया में क्या लड़की होना सज़ा हैं..
कितना तड़पी होगी वो कितना चिल्लाई होगी,
पर तुम जैसे दरिंदों को दया कहां आई होगी,
कपड़ा ठूंसकर मुंह में उसके आवाज तुमने दबाई होगी,
खुद को बचाने के लिए वो ना जाने कितना झटपटाई होगी..
चिल्लाई जब वो दर्द से तो जुबान ही दो हिस्सों में बांट दी,
ऐसी भी जो आग लगी थी जो इंसानियत की नाक काट दी...
अरे ओ पापी इस दुष्कर्म से पहले तेरी रूह क्यों नहीं कांपी,
भूल गया क्या निर्भया के कातिलों को कैसे लगी थी फांसी,
कानून के रखवालो क्यूं इन दरिंदों के लिए अपनी इंसानियत दिखाते हो,
क्यों तुम इन्हें उसी पल फांसी पर नहीं लटकाते हो...
अगर ऐसा ही रहा तो एक और निर्भया के साथ ऐसा होगा,
और जुल्म करने वाला यूं ही चैन की नींद सोएगा...-
जाति,धर्म,समाज,देश,संस्कृति
रंग-रूप,आय,उम्र, प्रसिद्धि
सब देखता है बलात्कारी
जाति,धर्म,समाज,देश,संस्कृति
रंग-रूप,आय,उम्र, प्रसिद्धि
नहीं देखता है बलात्कारी
लड़की कोई भी हो,
बलात्कार करता है बलात्कारी।-
आज मेरी छोटी सोच ने मुझे हैवान बना दिया😏
आज तक जिसकी इज्जत की उसी के सम्मोहन ने मुझे शैतान बना दिया😖
नही रोक सका खुद को क्या इतना कमजोर था मैं जो आज एक स्त्री की इज्जत उतरता चला गया 😠
आज तक जिन रिश्तो की इज्जत की आज उसकी इज्जत उतारते हुए खुद में राक्षस नज़र क्यू नहीं आया😡
क्यूं नही रोक पाया अपने कदम इंसान से हैवान बनने में 😈
क्यूं नामर्द बोलते ही मै अपनी मर्दानगी सिद्ध करता हूं ये करने के लिये एक और की इज्जत उतार देता हूं 🤬
हां मुझे इंसान ना कहो मैं हैवान बन चुका हूं 😈
अब तो मुझे कुत्ता भी नहीं बोल सकते क्युकी वो मरने के बाद अपने साथी को नोच खाते हैं और मै जीते जी इंसान को नोच खाता हूं 😡
अब तो मुझे कोई रावण भी नही कहता क्युकी उसने तो बस सीता का हरण किया था और मै बिना हरण के ही उसका चीरहरण कर देता हूं 🤬😠😡😈
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बेटियाँ हमारी
(पहली पंक्ति भागवतगीता जी से)
जब जब धर्म की हानि होती है।
तब तब होता अवतार तुम्हारा है।।
कब अवतरित होंगे , करुणानिधि।
घोर कलियुग ,आ गया है, सब विधि।।
कराहता है हृदय 'रो रही ममता बिचारी।
हर रोज, कब तक? लूटती रहेंगी बेटिंया हमारी।।
क्यूँ मनाते हो ?बिटिया दिवस ,देते हो क्यूँ बधाई।
लूटते हो अस्मिता को,नोचते हो बनकर कसाई।।
गर्भ में, मैं पलती हूं बन बेटी, पालती हूं बनकर माई।
ये कैसी मेरी जीवनी , मुझ पर ही विपदा लाई।।
लज्जा को ही लज्जितकिया,तब मनवता खो जाता है।
जब नाश मनुज पर छाता है ,तब विवेक मर जाता है।।
एकअंतिमपंक्ति(रश्मिरथीसे)कृष्ण की चेतावनी।
लीखना जरूरी लगा।
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द्वंद नफ़रत का नफ़रत से
नफ़रतों को सींचता रहा
चीखें मासूमों की कानों को
इंसानियत के बहरा करती गईं-
आंगन की चिड़िया को खुला आकाश दूँ कैसे,
मेरे घर के मन्डेरों पे ही बाज बैठे हैं,
क्या बदला ? देखें तो कुछ भी तो नहीं बदला,
जहाँ हम कल बैठे थे, वही हम आज बैठे हैं!
#nirbhyadelhirapecase
#hydrabadrapecase
#asifakatuarapecase
#hathrasrapecase-