अहंकार निज जाति-गोत्र पर करते केवल कायर,
वीर्यवान पौरुष से लिखते अपनी गाथा भू पर।
वीर वही, विपरीत समय ने गोद में जिसको पाला,
जाति-गोत्र से नहीं, शौर्य से परिचय देने वाला।।-
An unsaid emotion😷
And a burning soul🔥....
Yes its Me😊
कविता की कोई परि... read more
सनम रूह से रूह का, हुआ नहीं जब मेल।
इश्क़ और क्या चीज़ तब, बस ज़िस्मों का खेल।।-
मंदिर - मंदिर ढूंढते , तुम्हें यहाँ इंसान।
मगर तुम्हारी सत्यता, बतलाता शमशान।।-
कुरुक्षेत्र में कृष्ण ने, दिया ज्ञान यह शुद्ध।
शांति हेतु हे! पार्थ सुन, आवश्यक है युद्ध।।-
बची है कहाँ जिंदगी क्या आरज़ू करूँ
इबादत करूँ पहले या पहले वुज़ू करूँ।
मनाऊँ किसे मैं कहो सजदा किसे करूँ
खुदा ही बदल जाये तो क्या गुफ़्तगू करूँ।।-
🙏"सदाशिव"🙏
धरा गगन सकल शिवम्, अनादि आदि मम शिवम्
अजर अमर अतः शिवम्, कराल काल मम शिवम्
जटा समाय सुरनदी, गला भुजंग शोभता
वृषभ सवार शिव शिवम्, सकल सदैव मम शिवम्।।
प्रलय प्रबल करे शिवम्, प्रखर प्रकाश मम शिवम्
विबुध-असुर भजे शिवम्, शुभंकरा सदा शिवम्
अनन्त आदि अक्षरा, विभव-विषय-वृहद् शिवम्
जगत् पुजाय देव मम, शुभम्-शुभम्-शुभम्-शिवम्।।
अघोर घोर शंकरा, अबोध बोध शंकरा
महाबले महामहे, महाविनाश शंकरा
भुजंग तुंग माल है, ललाट अग्निवास है
अनंग भस्म हो गए, त्रिनेत्र के प्रकोप से
चिताग्नि भस्म से रमे, हिमांशु शीश शोभता
त्रिनेत्र अग्नि है प्रबल, गला प्रचंड विष रहे
त्रिशूल सत्य रक्षिता, विनाश दुष्ट का करे
डमर करे शुभम्-शुभम्, शतम्-शतम् नमः शिवम्।।
जटा लटा शिवम् शिवम्, विनाश कारका शिवम्
जगत् सृजन करे शिवम्, कराल कारका शिवम्
गिरीश के शरण रहूँ, विराज देव हैं शिवम्
सदा-शिवम् भजाम्यहम्, सदा-शिवम् भजाम्यहम्।।-
हम दोनों में एक सी, कुछ बातें थीं खास।
इंतज़ार था आँख में, होठों पर थी प्यास।।-
मिलना जिससे इस दफ़े, रखना खुद को ढाँप।
वरना तेरे ज़िस्म के, खुल जाएंगे पाप।।-