मां पापा मुझे जन्म से पहले ही मार दो ना🥹
पहले आपकी जिम्मेदारी पढ़ाने वियाह करने दहेज की थी,कलयुग में सिर्फ मुझे जब तक सांसे हैं तब तक दरिंदो की नजरों से बचाने की है 😭
कब तक और कहां कहां किस उम्र तक मेरी रक्षा करेंगे आप 🥹
हर दिन हर पल मेरी सुरक्षा के लिए कब तक तैनात रहेंगे बचपन जवानी बुढ़ापा कोई भी उम्र में सुरक्षित नहीं हूं आज के कलयुग में 😭
जब दरिंदो ने मुझे नोचना ही है तो मुझे जन्म ही मत लेने दो ना🥹 क्यूं पढ़ाने का खर्चा करके मुझे अपना काबिल बेटा मान कर अंत में मेरे कत्ल को आत्महत्या का नाम कह कर दुनिया सब झुटला देगी पापा 🥹
मुझे जन्म ही मत लेने दो ना🥹
ये युग इंसानों का नहीं रहा जानवर राक्षस कुल का हो गया है,बेहतर होगा मुझे जन्म से पहले मार दो ना🥹-
जब तक रिश्ता है वो मेरा है कोशिशें तो होती रहती है उसे छीनने की
भरोसा तब तक है जब तक मेरा प्यार खतम ना हो
ना जाने दूंगी ना जाऊंगी
हक से पाया है छोडूंगी भी हक से
मुकम्मल इश्क तो किसी को कभी मिला नहीं
पर इश्क को मुकम्मल करने की ताकत जरूर है हम में-
जिंदगी में हंसना तो बहुत आसान है😀
मुश्किल तो हंसते हुए चेहरे के पीछे आंसुओ को छिपाना है 🥹-
उसे समझना था तो मुश्किल,पर उसकी आदतों ने बहुत मदद की है मेरी😊
उसके गुस्से को समझना था तो मुश्किल ,पर उसके स्वभाव के ठहराव ने बहुत मदद की है मेरी🥹
उसे विश्वास दिलाना था तो मुश्किल,पर उसके साथ बिताए वक्त ने बहुत मदद की है मेरी🤌
उसको प्यार का अहसास दिलाना था तो मुश्किल,पर कुछ वक्त की दूरियों ने बहुत मदद की है मेरी♥️-
मां तुम इतनी निस्वार्थी क्यूं हो
अपने से पहले मेरा पेट भरा है कि नहीं क्यूं सोचती हो🥹
मेरे दर्द में अपना दर्द क्यों भूल जाती हो"मां"🤱
अपने शौक मारकर मेरे हर शौक पूरे करती हो🤌
मां तुम इतनी निस्वार्थी क्यूं हो
मेरे दुनिया में आने से पहले ही मुझे अपनी दुनिया बना लिया🌏
उम्र के साथ साथ हर चीज में कमी हुई सिवाए तेरी परवाह के "मां"👪
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मेरा "आप टेंशन ना लो "कहना 😔
जवाब में "तुम साथ हो तो कोई टेंशन नहीं है"
सुनना ही मुझे मेरी अहमियत जाता देता है🙈-
जब लिखना चाहा तेरे बारे मैं ना जाने क्यों जज्बातों का सैलाब सा आ गया🤔
हर वो जज्बात पन्ने पे उतारने का ख्याल याद आ गया🥰
हर अच्छी यादों के किस्से कानों में आपकी अच्छायी के सुर छेड़ गए❤️
वो आंसू भी याद आ गए जो साथ में आंखे भिगो गए🙈
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उसने जाना ही नहीं उसके बदलते बर्ताव ने फासले बढ़ाए हैं
उसकी हर जिद ने मेरे अंदर उसके लिए दूरियां बड़ाई हैं
अपनो की बेजत्ती ने अपनेपन का अहसास मिटा दिया है
उसने जाना ही नहीं फसलों की वजह वो खुद है मैं नहीं-
कैसा लगता है जब कोई साथ होकर भी साथ नहीं होता ये बात तुम नहीं समझोगे
जब मेरा वक्त तुम्हारा है बोलकर कोई मुझे ही वक्त नहीं देता ये बात तुम नहीं समझोगे
तुम्हारे दुख में साथ हूं बोलकर मेरे दुख ही नहीं सुनता ये बात तुम नहीं समझोगे
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दिल ने कोशिश तो बहुत की उसकी जरूरतों को जानने की
पर उसको कभी नजर नहीं आयेगी वो खूबी जो मुझमें है ही नहीं
ना जाने कैसे दिल की कोशिश उसकी जरूरत मिलेंगी
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