अब इस महामारी की,
कितनी लाशें बिखरी हैं किनारों पर,
न जाने कितनी गंगा में बहा दी गई
और कितनी मिट्टी में दफना दी गई
शमशानों में भी जगह नहीं इन्हे जलाने की,
न जाने कितनों को अनाथ बना दिया
किसी ने माँ तो किसी ने पिता,
किसी ने भाई किसी ने बहन खो दिया...।😔
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29 APR 2021 AT 18:21
4 JUL 2017 AT 16:46
#Khayal
Aye aasma sun, apni had me reh,
Gar zameen ne thodi si b pakad chord di toh tu kahi ka na rahega.-
25 OCT 2019 AT 12:36
नहीं जानता तेरा वजूद, जिसका पल भर का है वजूद
बेइंतहा बेहिसाब तो खुदा है जिससे है सबका वजूद
।। अनिल प्रयागराज वाला ।।-
21 SEP 2019 AT 9:20
Ye Apni Julfon Ko Kehdo Ki Zara Apne Had Me Rahe
Koi Bar Bar Bewajha Aapki Hothon Ko Chhue Hume Bilkul Achha Ni Lagta-
12 DEC 2019 AT 15:27
टुटी हुई टहनियाँ भी , कहाँ पर छाव देतीं हैं....
हद से ज्यादा उम्मीद , अक्सर लोगों को घाव देतीं हैं...!!-
14 AUG 2020 AT 17:20
अपनी हद में रहा करो प्यारे दोस्तों,
अगर दिल से निकल गए,
तो ठिकाना चर्चाओं में भी नही मिलेगा।
©angelthakur-
25 OCT 2019 AT 12:03
मुझे मेरी वजूद की हद तक
जानने की चाहत रखते है कुछ लोग......,
मैं बेहद, बेइन्तहा, बेहिसाब, हूँ!!-