Raahatein Juda hain
Raste Khafa hain
Manzilein Kahan hain
Fursatein Gawah hain-
फुर्सत-ए-इश्क़ पार्ट 1
उन्हें नींद भरने से फुर्सत नहीं है
हमें याद करने की आदत बड़ी है
चले ख़्वाब में उनका आना तो होगा
हमें पास जाने की जल्दी बड़ी है
हरे जँगलो में भरे शेर सारे
हमे ख़ुद के शेरों की चाहत बड़ी है
उन्हें नींद भरने से फुर्सत नही है
हमें याद करने की आदत बड़ी है-
Jo Karte Hai Mohabbat Soorat Dekh Kar,
Wo Karte Hai Wafaa Zarurat Dekh Kar...!!!!
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फुरसतें खो गयी है शहर की मेरे आजकल ,
सुबह होती है तो सिर्फ़ रात में मिल जाने के लिए !!-
Fursatein nahi ab is mann ko,din guzar jata hai milke soch mein pal-pal tumko,
Baatien jo kuch achi ho to bata bhi de,par khamoshiyon se behtar sukoon ab tak mila nahi kahi humko.
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Fursatein kharid Chuka hu me
Ose kaho ab waqt odhar de
فُرصتیں خرید چُکا ہوں میں
اُسے کہو اب وقت اُدھار دے
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मशगूल रहने पर भी
दिल मे रहती हैं हसरतें तेरी
सोचो ज़रा कैसी होंगी फुरसतें मेरी ।-
Azaab khatam nahi hue mere bas batana chora hai,
Jab wo hi nahi rahe mere toh rone se bhi kya hona hai.-
सुनो तुम आना किसी दिन फुर्सतें लेकर
बैठेंगे नदी किनारे पेड़ से टिक कर
या ले चलेंगे नाव किसी दरिया पर
या फिर झूला डालेंगे आम के पेड पर
सुनो तुम आना किसी दिन फुर्सतें लेकर
बरसते पानी में फिर नाचेंगे झूम कर
गीली लंबी सड़कें नापेंगे चल कर
या छुप जाएंगे किसी चाय के टपरे पर
सुनो तुम आना किसी दिन फ़ुर्सतें लेकर
चलेंगे साथ हम किसी पहाड़ पर
मिलकर बैठेंगे साथ किसी झरने पर
या बहती धारा के साथ देखेंगे चलकर
सुनो तुम आना किसी दिन फ़ुर्सतें लेकर
देखेंगे उगते और डूबते सूरज को मिलकर
संजोएँगे सपने फिर हम तुम मिलकर
बैठेंगे जब हम तुम फिर किसी पूल पर
@ शहला जावेद-