Nadim Khan   (Nadim_khanu)
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Joined 19 September 2020


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Joined 19 September 2020
5 FEB AT 7:26

मेरी मुश्किलों को और मुश्किल ना कर,
एक सलिका रख मुझको आज़माने का,

मैं बड़ी मुश्किलों से मुश्किलों से निकला हूं,
मुझको बेवज़ह आज़माया ना कर,

तेरी बातों में बहुत सी बात नज़र आती है,
यूं बार बार मुझको बातों में उलझाया न कर,

मेरा यक़ीन कर मैं मेरे किरदार में सच्चा हूं,
यूं बार बार मुझको अपना एहसास दिलाया न कर,

मैने कभी किसी से कोई बेवफ़ाई न की है,
बार बार बातों से मेरा ज़मीर जगाया न कर,

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3 JAN AT 16:31

मैं तेरी रज़ा में राज़ी हूं ऐ ख़ुदा
तू कभी न होना मुझसे जुदा ऐ ख़ुदा

मैं तेरा नाकिस बंदा ही सही
पर तेरा ही तेरा हु ऐ ख़ुदा

मैं गुनाहगार ख़ता कार हूं बदकार ही सही
पर तेरा ही बंदा हु मेरे मौला मेरे ऐ ख़ुदा

मेरी इसिया मुझे रुसवा न करे
कब्रों हश्र में बचाना मुझे मेरे मौला मेरे ऐ ख़ुदा

मेरे सजदो में मेरे आंखों आना
मेरे दिल को खिलाना ऐ ख़ुदा

मेरे बीवी मेरे बच्चे कभी न सताए मुझे
मुझे उनकी आफत से बचाना ऐ ख़ुदा

मेरे घर वाले मेरे ऐबो को बख़्श देना
मुझे मेरे अपनों के साथ जन्नत में बसाना ऐ ख़ुदा

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23 DEC 2024 AT 12:10

अब कोई कितना ही क़ैद क्यों न करे तुझको,
ऐ वतन ए वफ़ा हर दौर में तेरी रसाई है!

दुश्मनान ए मुल्क कितना ही असरदार क्यों न हो,
ऐ वतन ए वफ़ा हर दौर में तेरी रसाई है!

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12 DEC 2024 AT 22:30

प्रशन..?

खुश रखने की मेरी कोशिशें नाकाम रही है,
हालात ने मुस्कुराते हुए बताया था मुझे!

उस रोज़ तेरा हमसाया भी साथ न रहा,
जिस रोज़ मुश्किलों में तूने फंसाया था मुझे!

उत्तर:_विवाह दिवस


____जोक स्पेशल

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12 DEC 2024 AT 21:09

यक़ीनी बात है शायर भी हकीम होता है,
हमारे हाल का जो दिली ऱफ़िक़ होता है!
कई मरीजों का हाल लिखता है नदीम,
कई लोगों के दिलों का जो जदीद होता है!

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12 DEC 2024 AT 20:51

शायद यही सच हो,शायद अब तो ऐतबार हो,

हर घड़ी बोलने से क्या बात बन जाएगी!

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12 DEC 2024 AT 20:38

मैं मेरे एहसास को कैसे ब्यान कर सकुँ!
हर बातों में खास बस यही बात है!

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1 DEC 2024 AT 12:29

बड़ी मिन्नतों से कोई घर में आ रहा है
ख़ुदा करे वो हमदम रब की रज़ा भी लाए!!

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29 NOV 2024 AT 15:22

हमारे इश्क़ की इन्तहा तेरे सिवा कोई नहीं
जो तुम गवाह माँगो तेरे सिवा कोई नहीं

यक़ीन दिल की तसल्ली का नाम होता है
जो तुम सबूत माँगो तेरे सिवा कोई नहीं

नहीं सानी रखता मैं मुहब्बत के रिश्तों में
जो इसमें साथ चाहो तेरे सिवा कोई नहीं

हर एक मंज़िल पे मंज़ूरे दुआ माँगी है
जो हक़ीक़त को जानो तेरे सिवा कोई नहीं

मेरा क़सास कोई नहीं इसके सिवा
दिल जिसे चाहे तेरे सिवा कोई नहीं

जो दिल के ज़ज़्बात कभीं जान सको
रब से फ़रियाद रस रहो मेरे सिवा कोई नहीं

अपने दिल के गोशे में सदा बसने दो नदीम
यक़ीन मानो रफ़ीक तेरे सिवा कोई नहीं

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24 NOV 2024 AT 22:45

मैं मुखलिस हूँ मेरा क़िरदार सानी है
नहीं मुमकिन कि हर बात का इज़हार हो जाये!!

मेरा एहसासे मुहब्बत है ही मेरा किरदार सानी है
नहीं मुमकिन इसका भी कोई सहोकार हो जाए!!

हो जाए तुमको जो,बेज़ार_ए_मुहब्बत भी
मेरा किरदार सानी है मेरा इज़हार हो जाए!!

मैं झूठों की मजम्मत ख़ूब करता हूँ
कोई सच्चा जो मिल जाए,मेरा किरदार हो जाए!!

मैं अल्फ़ाज़_ए _मुहब्बत का कभी क़ायल नहीं ठहरा
किसी से दिल जो मिल जाए मेरा दिलदार हो जाए!!

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