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हर नज़्ज़ारा डूब रहा है,
आँखों में इतना पानी है,
मौत ही केवल सच्चाई है,
ये जीना नौहा-ख़्वानी है,
जाने वालों ने ज़िद कर के,
बात न कोई भी मानी है,
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रात भर बाहों में कस के लिपट कर सोयी
सुब्ह होते ही बिस्तर पर अकेला छोड़ गयी
हर दफ़ा की तरह आज भी तमन्ना-ए-यार
हमें बिन जल मछली सा तड़पता छोड़ गयी
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Looking at him
I realized
That mistakes made by the heart
Are paid
When it breaks apart.-
तुमने मुझको हंसते गाते देखा होगा,
आंखें खोलो,वो तो बस इक सपना होगा
मेरे अंदर जो इक छोटा सा बच्चा था,
वो मरने से पहले कितना तड़पा होगा,-
हर कोने में तन्हाई है,हर कोने में सीलन भी,
अच्छा, तो ये दीवारें भी चुपके चुपके रोती हैं-
वो गिरता गया चांद आसमां से जो यूं,
मेरी नींद खुलती गई और वो सपना भी टूटने लगा,
वो गिरता गया सूरज आसमां से जो यूं,
मानो बातें रुक सी गई और वो साथ भी छूटने लगा।
रोज़ एक डर से लगता था मुझको जो यूं कल तक,
आज लगा कि मानो दिल टूट भी गया तो क्या होगा,
रोज़ जो खुश भी हो जाता था मैं कल तक,
आज वो मैं फिर से रो भी गया तो क्या होगा।-