तख़लीक़ ग़मो की होती है इस दिल से
जितने शेर उदासी पर हैं मेरे हैं
*तख़लीक़- creation-
पता भी है तुमको की क्या है मुसाफ़ि... read more
ग़ज़ल:
मैं तो उदास था ही मगर तुमको क्या हुआ
क्यों दिख नहीं रहा तेरा चेहरा खिला हुआ
गहरी उदास रात के साये से डर गया
लगता है तेरे साथ भी ये हादसा हुआ
मैं सो रहा था आग ने जब सब जला दिया
आकर कोई बता भी दे की कैसे क्या हुआ
इक आदमी का ख़ुद से ही विश्वास उठ गया
जो कुछ हुआ है आज ये बेहद बुरा हुआ
मुझको पता नहीं था कि दिल टूटता है क्यों
अच्छा हुआ जो तुमसे मेरा राब्ता हुआ
इक पेड़ है उदास की पंछी नहीं रहे
पंछी भी सोचते है के पेड़ों का क्या हुआ
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ग़ज़ल:
हर कोने में 'सूना सूना' लिक्खा है
बीच में लेकिन नाम तुम्हारा लिक्खा है
नाम तो मेरा है ही तेरे हाथों में
जाने उसके आगे क्या क्या लिक्खा है
पैरों के छाले भी ये बतलाते हैं
तुमने रस्तों पर इक किस्सा लिक्खा है
शायर दुनिया भर को प्यारा लिखते हैं
हमने तो बस तुमको 'प्यारा' लिक्खा है
जिन पंखों को तुमने काटा हाथों से
उन पंखों पर नाम हमारा लिक्खा है
प्यार कि बाज़ी में आख़िर क्या लिख देता
तुमको जीता, ख़ुद को हारा लिक्खा है
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मतला और कुछ शेर-
तुम्हें तो कुछ भी नहीं पता है
अभी ये सब कुछ नया नया है
उदास लड़कों से इश्क़ करना
उन्हें पता है ये दर्द क्या है
कोई उदासी को पूजता है
कोई उदासों का देवता है
किसी को मंज़िल नहीं मिली है
किसी की मंज़िल, ये रास्ता है
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उससे नज़रें मिलने पर सब उसमें ही खो जाते हैं
दरिया कितना भी छोटा हो आख़िर दरिया होता है
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Nobody is afraid of dark, but of being alone in dark....
I have seen people screaming in silence, I have seen people cry while smiling...I have seen dead souls in the breathing bodies...
Life is not about what it shows you but It's about What it hides from You... What's hidden is what matters rest things are just illusions. 🙂
-Devang— % &-
उसके दिल में रहकर हमने इतना तो है जान लिया
पिंजरा कितना भी सुंदर हो पिंजरा पिंजरा होता है
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