Humare Farmane Pe Gaur Kijiye Janab,
Kahie Samajhne Me Samay Na Beet Jaay.-
इस दिल का क्या करें साहब
इस पर किसी का जोर नहीं होता
जितना चाहती हूं कि ना चाहूँ उसे
कम्बखत
इस दिल को ही मंजूर नहीं होता !-
अर्ज किया है...
हमने जिसे चाहा ...
उसने चाहा किसी और को...
ख़ुदा करे..!!
वो जिसे चाहें...
वो भी चाहे किसी और को...!!
😂😅😜-
Dil ke riste toh kismat se bante hai..
Warna mulakat toh hajaroo se hoti hai..-
Likhun...
Toh “lafz” tum ho.
Sochun...
Toh “khyaal” tum ho.
Mangun...
Toh “duaa” tum ho.
Sach kahun...
Toh “mohabbat” tum ho.-
अर्ज़ किया है
कुछ इस तरह हारे हैं इश्क़ में उनके
कि हारना खूबसूरत लगने लगा है
इश्क़ का नाजायज फायदा उठाकर
ये आस्तीन का सांप हमें ही डसने लगा है
इश्क़ में अंधे हम भी हो गए हैं उनके
क्या करें उनका ज़हर अब असर दिखाने लगा हैं
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ना जला दिल मे लौ इश्क़ के आग की धुआ हो जाओगे
ग़र तुमने मिला ली उससे नज़रे तो मेरे यार फ़ना हो जाओगे
Na jala dil me lau ishq ke aag ki dhua ho jaonge
Gar tumne mila li usse nazrein to mere yaar fanaa ho jaonge-
Tum Ijajat do tumhe padhna chahta hoo
Tumhare bin Kahe Tumhe samajhna chahta hoo
Yu to aata nhi ye bin Kahe kuch bhi samajhna
Par Tere khatir had se gujarna chahta hoo.-
Arz kiya hai 😌
ज़रा गौर फरमाइएगा 😉
कभी याद आऊं तो बेशक कुछ पढ़ कर बख़्श देना हमें
कभी याद आऊं तो बेशक कुछ पढ़ कर बख़्श देना हमें
दिल जलाना हो ग़र मेरा कभी
तो बस थोड़ा हंस देना देखकर हमें 🖤
अपने तो सब हैं महफ़िल में
पर पता नहीं कौन अपना मानता है हमें
अपनेपन का शोर करना छोड़ जो रही हूं
तो मालूम हो रही है हक़ीक़त अब हमें 🖤
यकीं करना फ़िक्र करना यादों को क़ैद करके रखना
बेवकूफी है तो बेशक यही समझ लेना हमें
सुलझ जाए जो डोर तक़दीर की ऐसा करने से
तो बेशक ज़रा वक़्त मिले तो ख़बर कर देना हमें 🖤-