हमारा एक दूसरे से मिलना
कोई इत्तेफ़ाक नहीं था
कभी सोचा है
क्यों हम में से एक को कभी
दूसरे पर ऐतबार नहीं था
दिल कहता रहा होता होगा
मगर ऐसा नहीं होता
हर फैसला दूसरे पर फ़र्ज़ नहीं होता !-
राह में कई लोग मिलते हैं
जिन्हें वहीं छोड़कर आगे बढ़ना पड़ता है
अपनी मंज़िल तक पहुंचने के लिए
कहते हैं न कि कुछ पाने के लिए
कुछ खोना पड़ता है
हां हालांकि छोड़ना भी आसान नहीं
और इस वक्त के साथ साथ मुझे
इतना तो एहसास हो गया था कि
तुम बहुत मज़बूत हो
क्योंकि मज़बूत इंसान कुछ छूट जाने पर
शिक़ायत नहीं करता
फैसले करता है ___ ♥-
हर बात समझ गई खुद-ब-खुद हर दफ़ा
बात कुछ और होती अगर समझाते तो
ग़ैर समझते हैं वो जिन पर हक़ माना था
लड़ लेती दुनिया से मुझे अपना बताते तो
सच कहूं एक अरसे से खुश नहीं बाबा
ग़म न होता एक बार गले से लगाते तो ___ ♥-
ख़ुशनसीब होते हैं वो लोग
जिनके मज़ाक को भी कोई सच कर दिखाता है
और उससे भी ज़्यादा ख़ुशनसीब वो लोग होते हैं
जो इस तरह के लोग पा जाते हैं ___♥-
ज़रा सी देर को अगर सोच लेते
ज़ुबां को रोककर तो देख लेते
ना-हक़ यूं दिल तुम दुखाते ना
ज़िन्दगी से मुझको यूं गंवाते ना ___♥-
कुछ ना मिल पाने के दुख का जन्म
कुछ पा लेने की उम्मीद से हुआ था
तो मैंने सिर्फ़ सब्र को चुना
तब मैंने जाना कि पहली दफ़ा
मन की शांति का एहसास क्या होता है ___ ♥-
है मुमकिन कि नामुमकिन कुछ भी नहीं
मगर सच है कि तुम अब भी मेरे नहीं
करीं कोशिशें कितनी मुझसे ना पूछा करो
कहने से लफ्ज़ तुम मेरे मगर हो मेरे नहीं ___ ♥-
कुछ बचा है दरमियां लगा था मुझे
कहकर जो मेहरबानियां छोड़ दिया
न समझा फ़िर ख़ामोश हो जाना
कहकर जो तमाशा छोड़ दिया ___ ♥-
किसी को जीता कैसे जाता है ?
" अपना दिल हार कर "
और दिल कैसे हारा जाता है ?
" अपनी ज़ात को मिट्टी में मिला कर "
और अगर वो तब भी न मिले जिसकी तमन्ना की हो तो ?
" तो सब्र कर लिया करो ,
ख़ुदा कभी किसी के सब्र को ज़ाया नहीं करता "-
बस दुख वहां से न मिले जहां सुख लुटाया हो
सजाकर ख़्वाब फिर अपने हाथों जलाया हो-