महफूज़ बस तुम ही हो...
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A small misunderstanding ...
Can change everything 😔
ओर हम भी धीरे धीरे समझ गये की ...
प्यार व्यार कुछ नही होता ...
सब मतलबी होते यहाँ ।।।-
“लिखा है जो लहू से वो हलफ़नामा नहीं भूला...
मोहब्बत याद है लेकिन मैं पुलवामा नहीं भूला!”
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मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी
लाखों में घूमता था लिये सत्य की सोंटी
वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी
लेकिन तुझे झुकती थी हिमालय की भी चोटी
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सिहरती सी रात में
गर्म अलाव से..
हर मौसम,बस सुकूँ है
ये ख़्याल तुम्हारे ।।-