QUOTES ON #AKBAR

#akbar quotes

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8 MAY 2021 AT 22:53

जिसने घास री रोटी खाना और
मखमल की सेज को छोड़ो माटी
के बिस्तर पर सोना मंजूर की थी ll

और उस मुगल कि जिल - ए - इलाही
कबूल ना की थी l

और जिसकी हल्दी घाटी के हर
उस कण में महाराणा की हुकार थी ll

देख प्रताप के साहस को अकबर
की आंखें भी शरम से झुकी थी l

और चेतक का साहस जो
महाराणा की हिम्मत थी ll

और राम प्रसाद की हट उस
मुगल के स्वादिष्ट व्यंजनों से परे जो थी l

और ना जाने कितने युद्ध किए अकबर ने
लेकिन राजपूती शान ना झुकी थी ll

और जिसकी जन्मभूमि मेवाड़
कर्मभूमि हिंदुस्तान थी l

और एकलिंग नाथ जिनकी पहचान थी
और मेवाड़ की शान महाराणा प्रताप थी ll



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3 FEB 2021 AT 22:36

लेकिन मेवाड़ी सरदार अपने शब्दों पर अडिग रहें l
की देख स्वाभिमान राणा का अकबर भी घबराया था कि कैसे दे दे मेवाड़ राणा अकबर को शायद पर इस बात को कभी ना समझ पाया था ll

आदिवासी भीलो के साथ जंगल में सादा जीवन बिताया था l
ना मेवाड़ अकबर का हो सका की जिसका स्वाभिमान मेवाड़ रहा हो वह मेवाड़ी सरदार कभी मुगलों के आगे ना झुक सका ll

कैसे राणा ने केसरिया का सम्मान बचाया था lना कभी मुगलों के आगे केसरिया झुक सका था ll
ना कभी कोई केसरिया को झुका पाया देख वीरता राणा की अकबर भी कैसा घबराया ll


.........🚩🚩वीर शिरोमणि एकलिंग
नाथ जय महाराणा प्रताप🚩🚩........

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3 FEB 2021 AT 22:21

हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा से अकबर कैसा घबराया था lराणा ने उसके आगे कभी सिर नहीं झुकाया था ll

80000 की सेना भी राणा का ना कुछ कर पाई थी lराणा की सेना ने अकबर को कैसे धूल चटाई थी ll

कि कैसे राणा की तलवार ने बहलोल खान को घोड़े समेत कैसे काट डाला था l
देख वीरता राणा की अकबर भी घबराया था इसीलिए डर के मारे कभी उनके सामने ना आता था ll

की 28 फिट की खाई को सुरक्षित पार करवाया था देख वीरता चेतक की राणा ने भी गर्व से सर उठाया था llकी त्याग कर अपनी आखिरी सांस मेवाड़ी चेतक ने अपना कर्तव्य धर्म निभाया था ll

राणा ने भी 3 दिन तक जल अन्न को त्याग दिया देख वीरता चेतक की राणा में भी उस को नमन किया ll

की रामप्रसाद ने भी अकबर के हाथियों को मार गिराया था l अकबर ने उसको कैद कर लिया लेकिन उसने 28 दिन से जल ना पिया ना ही अन्न खाया और मौत को गले लगाया था और अकबर के आगे अपना सिर कभी नहीं झुकाया था ll

देख वीरता राणा की अकबर भी घबराया था भेज हिंदू राजाओं को प्रस्ताव से राणा को खूब ललचाया था ll

To be continued

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30 MAY 2020 AT 19:56

कहानी राय प्रवीण की....

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23 JUN 2021 AT 11:27

Nida yeh aayi sunkar giraya e sarwar
Hazar jaan fida aap par mere baba
Ho ikhtiyar to nisaar krta rahun
Maut ne majboor kar diya hai mujhko baba
Suno mai kase yeh nala o fuga o Sarwar
Maut bhi kar rahi hai girya sunkr baba

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5 DEC 2017 AT 21:49

एक बुत माटी का यहाँ जो सो रहा है रब ने उसे बनाया था
वक़्त की गहराइयों में आज दफ़न उसे पाया है
कभी दुनिया से खुद को उसने अकबर कहलवाया था
वह वज़ूद अब दो गज़ में सिमट आया है

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4 FEB 2022 AT 12:23

इन लम्हों के दामन में फना होना है
तेरा इश्क वो समर्पण है
जिसमे मुझे समर्पित होना है।

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22 JUN 2020 AT 13:46

बनकर एक हादसा बजार में आ जाएगा
जो नहीं होगा वही अखबार में आ जाएगा
चोर उचक्का की करो कदर पता नहीं
कौन कब कौन सी सरकार में आ जाएगा

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24 DEC 2018 AT 11:29

If the upbringing is good and intentions are noble then an illiterate can rule far better than the educated one.
A mughal emperor who was illiterate but the most successful ruler none other than
'JALALUDDIN MUHAMMAD AKBAR'
is the perfect example.

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क्या है परेशानी तुम्हें,
कुछ बताओ तो सही...!!
मैं समझ जाऊँगी सब,
तुम समझाओ तो सही...!!

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