कुछ बातें कुछ लोग कुछ यादें
समय के साथ बदल ही जाती है ,
पर शायद वो कुछ पल ही होता है
जो ठहर सा जाता है ज़हन में ,
जो कभी हमने बिताया होता है ...
कुछ ख़ास पल
तो कुछ मीठी यादें
तो कुछ कड़वाहट से भरी
शायद यही जिंदगी हैं💞-
और फिर....
कुछ घंटो में साल खत्म होने को है
चाय की कप हाथ में और जिंदगी अभी भी सुकून में है
हम अपनों के साथ नये साल की नई बातें कर रहें है
अपनों को खुश देख बस यूँही याद कर लिया ऊपर वाले को
पर.....
कितनों के साथ कितना कुछ बीत गया न इस साल के जद्दोजहद् में
कोई जिंदगी से हार गया तो कोई अपनों को हार गया ।
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पुराने साल का ये आखिरी दिन
मानो हैं हमारी उम्मीद का आखिरी दिन |
विरहा की अग्नि में पल पल जलती
बुझते चिराग़ों का हैं आखिरी दिन |
शिकवें शिकायतों को भूल कर
तुम्हारें रूठने मेरे मनाने का आखिरी दिन |
तुम लौट आने का इरादा तो करो
सुनो ये दिसम्बर का हैं आखिरी दिन |
तुम आकर सीने से लग जाओ
तो मनाए खुशी से साल का आखिरी दिन |
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साल के आखिरी पहर तुझे ही सोच रही हूँ मैं ,
नग़्मे तेरी मेरी मोहब्बत के पढ़ रही हूँ मै !
चुनिंदा तारीकों को घेरे लगाते हुए
कैलेंडर कोई नया बदल रही हूँ मैं !
आएगा कब चाँद आसमाँ पे मेरे
इंतज़ार में उसके छत पे टहल रही हूँ मैं !
चोरी छुपे पढ़ता होगा वो खत मेरा
चोरी छुपे उसे खत लिख रहीं हूँ मैं !
पुरानी ख़्वाहिशों का गला घोंटते हुए
नयी "ख़्वाहिश" में खुद को बदल रहीं हूँ मैं ।।
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31 Dec 2021.....
ये साल बहुत कुछ सिखा कर जा रहा है
अपनों का महत्व समझा कर जा रहा है
कौन अपना कौन पराया ये बता कर जा रहा है
बहुतों का अपना छिन कर जा रहा है
ये साल बहुत कुछ सीखा कर जा रहा है
करोगे जब प्रकृति से खिलवाड़ तो भुगतना पड़ेगा कोरोना सा परिणाम
कोई अमर होकर नहीं आया सबको जाना पड़ता है
अपनों से भी अपनों का खतरा होता है
प्यार हो फिर भी छोड़ना पड़ता है
अकेले रहना भी जरुरी है ये बता कर जा रहा है
ये साल बहुत कुछ सिखा कर जा रहा है
सांसे और रोटी की कीमत समझा कर जा रहा है
गर हो अपनों का साथ तो दुनियां जीत सकता है इंसान
ये साल बहुत कुछ सिखा कर जा रहा है
अपनों का महत्व समझा कर जा रहा है
कौन अपना कौन पराया ये बता कर जा रहा है
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सुनो दिसंबर जाते - जाते
इक चिट्ठी मेरी ले जाना
आने वाले नए साल को
दबे पाँव से दे आना,
कहना उससे संग में अपने
ढेरों खुशियाँ ले आये
अपने तीन सौ छाछठ दिन में
प्रतिदिन सदियां ले आये
सुनो-सुनो अब जाते हो तो
सबके गम ले जाना
जिसे देख मन खुश हो मेरा
वो चेहरा तुम दे जाना।-
जरूरी नहीं कि मन में सब कुछ दबा दिया जाए.....!
कभी-कभी बच्चों की तरह हँस कर जता दिया जाए!!-
इक कसक रह गई तुमसे मिलने की,
गुल देकर मीठी मुलाकात करने की।
क़रीब होकर भी मुझसे दूर ही हो तुम,
बस इस दूरी को करीबी में बदलने की।-