खुद भी कुछ करिये
खुद मेहनत करोगे तो
भाग्य भी साथ देगा
अगर यूँ हाथ पे हाथ रख
भाग्य के सहारे बैठे रहोगे
तो खुदा भी साथ नही देगा
भाग्य भी उनका साथ देता है
जिनके हौसले बुलंद हो
हर मुसीबत को पार करने का जुनून हो
हार को जीत में बदलने का जोश हो
फिर तक़दीर भी सर झुकाती है
तुम्हारी कामयाबी के आगे
इसलिए भाग्य के सहारे मत रहिये
खुद भी कुछ करिये ।।।-
मेरी मन्ज़िल हर बार मुझसे दूर चली जाती है,
मेरे हौसले मगर थकते ही नहीं।-
ख्वाहिशों का पुलिंदा बाँध, हम चले ख्वाबों के रस्ते,
दरख़्त हौसले का और हासिल सुकूं की छाँव तो हो !-
सब्र रखो, तुम्हारा भी समय आएगा।
यह जो असफलताओं का पहाड़ है न,
यह भी तुम्हारे आगे नतमस्तक हो जाएगा।
समय की मार है, सभी को पड़ती है।
बुलन्द हौसलों से मगर विपदाएँ भी डरती है।
तुम मत हो अधीर, तुम मत हो निराश।
झुक जाएगा तुम्हारे सामने एक दिन ये आकाश।
हार हो या जीत हो, हर बार इनसे सीख लो।
आसान होगा ये डगर, कर सको इतना अगर।
करो निंदकों से मित्रता, मिट जाए सारी शत्रुता।
तुम स्वंय ही से प्रण करो, तुम स्वंय को ही नमन करो।
तुम स्वंय ही खिल जाओगे, तुम स्वंय से तो मिला करो।
जीवन के हर एक मूल्य को, यदि तुम समझना चाहते हो।
क्यों चुनते हो फिर पथ सरल? क्यों कठिनाइयों से भागते हो?
क्या कर सकेगा दुःख तुम्हारा? दुःख तो बस एक भ्रम ही है।
शांत हो जाते हैं जब सब, गूँजता बस श्रम ही है।
तुम बेड़ियों को तोड़ दो, पथ बाधाओं का मोड़ दो।
तुम जीत जाओगे सुनो, पराजय से डरना छोड़ दो।-
वक्त पर छोड़ देना कुछ फैसले ।
मत हारना तुम कभी हौसले ।
है कौन कितना अच्छा ?
है कौन कितना सच्चा ?
वक्त बता देगा खुद ही ।
बस तुम हर बार ।
ख़ुद को साबित मत करना।
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कुसूर मेरा नहीं, मेरे जमीर का है
हाँ, फैसले अब भी बाकी हैं तेरे-
परिंदे से मत पूछ उसकी उड़ान कैसी है
हवाओं से पूछ उनमें तेज़ी कितनी है
हौसले की उड़ान है परिंदे की
जो हवाओं को चीर देती है-
अपने हौसले को तू जगा,
मिलेगी हर वो चीज जिसे पाने की आप को चाह है।
Good morning 🌄
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आज...
थोड़ा परेशान हूँ मैं
कैसे बताऊँ अपने परिवार की जान हूँ मैं
मेरे हौसले बुलंद हैं
उम्मीद खत्म नहीं हुई
ना ही कोई पाबंद है
सच कहूँ मेरे जीवन में आनन्द ही आनन्द है
माना कि नाकाम हूँ मैं...
और आज दुनियां वालों को देखकर हैरान हूं मैं
कैसे उगते सूरज को सब सलाम करतें हैं
और हमें नाकाम समझ कैसे मुँह फेरते हैं
अपना भी समय आएगा
कामयाबी का परचम जमीं से आसमां तक लहराएगा
एक आशावादी इंसान हूँ मैं
माना कि आज नाकाम हूँ मैं-