QUOTES ON #हैप्पी_टीचर्स_डे

#हैप्पी_टीचर्स_डे quotes

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5 SEP 2021 AT 9:26

जिंदगी का हर हुनर सिखाती है ,
मेरी मां ही है जो मुझे बेहतर बनाती है।

कर्ज नही भुलुगा जो मेरे शिक्षक ने दिया है ,
इनका सम्मान करना मेरे शिक्षित होने का प्रमाण बताती है।


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5 SEP 2020 AT 6:35

क्या कहूं गुरुवर आपके बारे में
हमारे शब्द कम पर जाएंगे
आपके तारीफ में,
टूट जाऊं बिखर जाऊं मगर
आप जैसे गुरु की आशीर्वाद
से एक दिन निखर जाऊं...
❣️Happy Teachers day ❣️

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5 SEP 2021 AT 13:51

इतना भी मत सिखा ए जिंदगी
कि apply करने के लिए उम्र कम पड़ जाए

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4 SEP 2019 AT 23:47

गुरु

न होते इस जग में गुरु,
दुनिया का पाठ पढाता कौन,

न होता कोई गुरु,
क ख ग का ज्ञान करता कौन,

गर सब हो जाता बिना गुरु,
जीवन की शिक्षा देता कौन,

अगर खुद को माने सब गुरु,
विद्यालय में पढ़ने जाता कौन,

अगर तुम न होते हे गुरु,
मार्गदर्शन करवाता कौन,

अगर न होते कोई गुरु,
जग में नाम कमाता कौन,

अगर न होते तुम गुरु,
तो जीवन का सार बताता कौन,

अगर न होते गुरु तो,
जीवन को धन्य बनाता कौन,

जब जब मेरे गुरु का नाम आता है,
मस्तक नमन करने को मेरा दिल चाहता है,

पूरी उम्र शिक्षा का पाठ पढ़ाया है,
जब जाकर गुरु कह लाया है,

धन्य है वो शिष्ये जिस ने गुरु का आर्शिवाद पाया है।🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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5 SEP 2020 AT 9:35

परिस्थितियों से बड़ा शिक्षक दुनियां मे नहीं है..!
जो हालात सिखाते हैं वो गुरु नहीं..!!

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5 SEP 2020 AT 7:47

यूँ ही नहीं शिक्षक कुम्हार कहे जाते हैं,
कच्ची कोमल माटी से जीवंत कलाकृतियां बनाते हैं..!

जरूरत पड़ने पर थपकी देते हैं माटी को,
तभी तो उसे मनचाहा आकार दे पाते हैं..!

माली की तरह स्वभाव रखते हैं जो,
उपवन के हर फूल को महकना सीखाते हैं..!

हर पौधे को सींचते है समान प्रेम से,
तभी फूल कांटों के बीच भी महकते और मुस्काते हैं..!!

शिक्षक दिवस की अनंत शुभकामनाएं..💐

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5 SEP 2020 AT 9:48

सभी शिक्षकों के साथ जीवन की सर्वप्रथम शिक्षक ' माँ ' को भी शिक्षक दिवस की अनेक शुभकामनाएं..

-✍ पीयूष बाजपेयी 'नमो' (काव्यपीयूष)

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5 SEP 2024 AT 23:47

गुरु की कलम से...

कि अभी सीखना बाकी है, चल अभी स्वच्छंदता बाकी है..
अभी तो शायद भला जिया है, दिल सांसों के साथ जिया है!
जब समय जिया है सरगम का, बिन धड़कन जीना बाकी है
तू जिंदा तो है वर्षों से, अभी मर कर जीना बाकी है!!

लाड़ जिया और प्यार जिया, अपनों से भरा संसार जिया
जब दीप जले तेरी मेहनत के, वाह - वाही का स्वांग जिया!
तू चला जो हरदम दंभ भर के, अभी हल्के चलना बाकी है
क्यों रोते - बिलखते हो प्यारे, सांसों का छूटना बाकी है!!

सावन की झड़ियों में खेला, तू सर्दी की धूप नहाया है
हर घड़ी पड़ी हो बंद चाहे, पर समय बदलता आया है!
कड़की बिजली आकाश में अब, तूफ़ां में जीना बाकी है
क्या गुम हो चले रंग सारे, इंद्रधनुष चमकना बाकी है!!
May God Bless all of Us 🤞👏

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