Advocate Jai "Jatin"   (Jatin..✍)
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मैं, मेरे ख्याल और ये जिंदगी
Joined 19 January 2018


मैं, मेरे ख्याल और ये जिंदगी
Joined 19 January 2018
8 MAY AT 20:57

तेरा चेहरा भूलाना मुश्किल है,
तुझे वापस बुलाना मुश्किल है,

गले लगाते थे मिलकर जिसको,
अब नज़रे भी मिलाना मुश्किल है,

तू इतना दूर जा चुका है मुझसे,
की, तेरा लौट आना मुश्किल है,

मैं कैसा हूँ और किस हाल में हूँ,
तुझे कुछ भी बताना मुश्किल है,

उसको तो समझा दिया था मैने,
अब खुद को समझाना मुश्किल है,

क्यों ऐसे घर में बिया देते हैं बेटियां,
जहाँ एक दिन बिताना मुश्किल है,

फिर ताउम्र निभाती है ऐसे रिश्ते,
जिन्हें बिल्कुल निभाना मुश्किल है,

तुमने जब चाहा तब बहा लिए आंसू,
हमारा तो कतरा बहाना मुश्किल है,

इश्क़ भी और शायरी का हुनर भी,
जतिन दोनों तो पाना मुश्किल है।

जतिन..✍️

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7 JUL 2024 AT 12:12

अपनी दौलत पर इतना ना इतराइए आप,
अपनी तशरीफ उठाइए और कहीं जाइए आप,

आपका लहज़ा बता रहा है औकात आपकी,
अपने रूतबे का इतना शोर ना मचाइए आप,

मुझे बदतमीज़ नहीं, बेहद बदतमीज़ कहिए,
मगर मुझे तमीज़ का पाठ ना पढ़ाइए आप,

मेरी कमियां-खामियाँ सब मालूम है मुझको,
मैं कौन हूं, क्या हूं, कैसा हूं, ना बताइए आप,

वाकिफ हूं चालाकियों से तुम्हारी सारी की सारी,
मुझको अपनी अच्छाइयां ना गिनवाइए आप,

आपका पुण्य ही ना बन जाए आपका पाप,
एक एहसान को इतनी बार ना जताइए आप,

मेरा अपना सफ़र है और एक तय मंजिल है,
मुझको भेड चाल का रास्ता ना दिखाइए आप।

जतिन..✍️

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24 JUN 2024 AT 10:56

तुमने चाहा गर तो आबाद रहूंगा,
वरना बर्बाद था, मैं बर्बाद रहूंगा,

मैं जब तक जिंदा हूं बैचेन रहूंगा,
दुनिया-जहान का फसाद रहूंगा,

कर सको तो कर लो कैद मुझको,
वरना ताउम्र यू ही आजाद रहूंगा,

तुम देखना मेरे हौंसले का सब्र,
मैं मुश्किलों में भी फौलाद रहूंगा,

मेरा कैसा भी हो मकाम जहां में,
अपने मां-बाप की औलाद रहूंगा,

मैं जरूरत हूं महज तुम्हारे लिए,
मैं चाहूं भी तो सबके बाद रहूंगा,

जतिन, आज नागवारा हूं सबको,
कल सब होंठो की फरियाद रहूंगा।

जतिन..✍️

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12 JUN 2024 AT 0:43

ये कैसी मोहब्बत है जो दुनिया को दिखायी जाए,
बन्द कमरे की बातें, यार-दोस्तों को बतायी जाए,

गर छू भी लिया है तुमने उसके जिस्म को अगर,
ये अच्छा नहीं की तस्वीरें, वीडियो बनायी जाए,

कच्ची उम्र में ढूंढ लेते है बच्चे मोहब्बत नकारा सी,
फिर सोचते है राजी राजी उनकी शादी रचायी जाए,

मायके में आ बैठती है वो लड़कियां भी आजकल,
जिनकी शादियाँ भी उनकी मर्जी से करायी जाए,

सुनो, तुमने चाहे कितने किये हो उस पर एहसान,
मगर ये अच्छी बात नहीं की एहसान जतायी जाए,

एक औरत को खुश करना, बड़ा मसला है जहां का,
उसे सब्र नहीं आता, चाहे जान क्यों ना लुटायी जाए,

मुक्कमल हो जाए दास्तां ए मोहब्बत सारी की सारी,
अगर ये मोहब्बत की कसमें शिद्दत से निभायी जाए।

जतिन..✍️

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2 OCT 2022 AT 12:56

दस्तूर ए जहाँ निभाना पड़ता है,
अपने गम को छिपाना पड़ता है,

हालात कैसे भी हो जिन्दगी के,
हाल अच्छा है बताना पड़ता है,

उम्र छोटी हो या हो अंतिम सांस,
मुफ़्लिज़ को तो कमाना पड़ता है,

अपने घर का चूल्हा जलता रहे,
घरों से दूर भी जाना पड़ता है,

कोई नहीं समझता दर्द किसी का,
हाल ए दिल खुद सुनाना पड़ता है,

आंखे डबडबाती रहे चाहे रातभर,
सुबह उठकर मुस्कुराना पड़ता है,

अपनों को रोशन करने के लिए,
खुद को भी जलाना पड़ता है,

यूं ही नही बन जाता कोई जतिन,
तजुर्बे से खुद को बनाना पड़ता है।

जतिन..✍️

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24 AUG 2022 AT 23:18

ये खूबी है तुम्हारी की, तुम औरत हो,
ऊपर से तुम बला की खूबसूरत हो,

तुम्हारे हिज़्र में रहकर मैंने ये जाना,
तुम मेरी उम्र भर की जरूरत हो,

सुना है एक झलक जो देखे तुमको,
लगता है जैसे संगमरमर की मूरत हो,

कहानी में होती थी राजकुमारी जैसी,
तुम उन कहानियों की जिंदा सूरत हो,

औरत भी औरत तभी कही जाती है,
जब उसकी आँखों मे अपनी गैरत हो.

ये गज़ले, शेरों-शायरी में जिक्र तुम्हारा,
तुम 'जतिन' की एक तरफ़ा शोहरत हो।

जतिन..✍️

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11 AUG 2022 AT 10:32

अब इससे ज्यादा भी कोई क्या परेशान होगा,
नाकाम मोहब्बत से ज्यादा क्या नुकसान होगा,

जो भी सुनता है किस्से बर्बादियों के मेरे,
उस शख़्स से ज्यादा कोई क्या हैरान होगा,

मेरी हालत देखकर अब तो डॉक्टर कहने लगा,
ये लड़का अब बस चंद दिनों का मेहमान होगा,

इक लड़की के पीछे कैसे जान गवां देता है कोई,
मैं अक़्सर सोचा करता था वो कैसा नादान होगा,

जिन्दगी में कम से कम उम्मीद रखना किसी से,
ये मशवरा याद रखोगे तो जीना आसान होगा,

मैं अपना काम इतनी शिद्दत से करना चाहता हूँ,
एक दिन मेरा नाम ही मेरे काम की पहचान होगा,

मैं गर टूट भी जाऊँ तो वो संभालेगा मुझे आकर,
जतिन, ये तेरा वहम है ऐसा भी कोई इंसान होगा।

जतिन..✍️

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6 AUG 2022 AT 20:48

जिन्दगी में कुछ ना भी हो तो काम चलता है,
गर, घर मे माँ ना हो तो घर बड़ा ही खलता है,

बच्चा गोद से उतर चलने दौड़ने तक लगता है,
फिर भी, माँ को बच्चा, बच्चा ही लगता है,

बचपन से लेकर जवानी तक तो पलता है,
फिर एक दिन बेटा भी कमाने निकलता है,

सहारा देने वाले भी सहारों पर आ जाते है,
वक़्त भी रफ्ता-रफ्ता इस तरह बदलता है,

ताउम्र निःस्वार्थ जिन्दगी लुटायी हो जिसने,
उन बुजुर्गों का जोड़ा कुछ उम्मीदें तो रखता है,

कैसे माँ ने माँ का बाप ने निभाया बाप का फर्ज़,
अक़्सर ये बात हर कोई बड़ी देर से समझता है,

खुशियों से भरे घर मे जब सन्नाटा बसर करता है,
सच कहूँ, दिल टूट जाता है, मन बड़ा तरसता है,

ये तीज-त्यौहारों पर सुनसान पड़ा घर देखकर,
जतिन, उस दिन हर कोई बहुत ज्यादा तड़पता है।

जतिन..✍️

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2 AUG 2022 AT 19:00

किसी का प्यार किसी पर एहसान हो गया,
हमसफ़र चाहा जिसको अनजान हो गया,

प्यार मोहब्बत करना बहुत आसान है आज,
उससे भी ज्यादा मुक़रना आसान हो गया,

जिसने भी देखा सुना था सालों पहले मुझको,
वो हर शख़्स आज देख के मुझे हैरान हो गया,

छुट्टियों में जब कभी घर जाता है वो लड़का,
ऐसा लगता है अपने घर में मेहमान हो गया,

ज़िन्दगी का मजा सफ़र में है, ये मैंने जाना,
सफ़र जिसने भी छोड़ा वो परेशान हो गया,

मोहब्बत करी थी इतनी शिद्दत के साथ हमने,
इंतज़ार करते करते जतिन नुकसान हो गया।

जतिन..✍️

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28 JUN 2022 AT 17:46

सारे साज़ो-श्रृंगार एक तरफ़,
उसके माथे बिंदिया एक तरफ़,

मेरी सारी खुशियाँ एक तरफ,
उसका हँसता चेहरा एक तरफ़,

दुनियादारी की भीड़ एक तरफ़,
उस शख़्स का होना एक तरफ़,

मैंने ताउम्र किये है काम बहुत से,
उससे मोहब्बत करना एक तरफ़,

मैं क्या बयाँ करूँ उसके बारे में,
मेरा सब कुछ लिखा एक तरफ़,

तू छोड़ दे फ़िक्र बस सोच मुझे,
तू अपने डर को हटा एक तरफ़,

मोहब्बत जैसी भी हो मोहब्बत है,
फिर दो तरफ़ा हो या एक तरफ़।

जतिन..✍️

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