QUOTES ON #हार_नहीं_मानूँगा

#हार_नहीं_मानूँगा quotes

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17 APR 2021 AT 11:13

बिना हार के तो बिल गेट्स,अंबानी और जैक मा को कामयाबी न मिली,
तो हम किस खेत की मूली है जो पहली बार में सफल हो जाएंगे।

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26 SEP 2020 AT 14:00

जीत मिले या हार चीजें दोनों नायाब है,
पर ......
कोशिश आखिरी सांस तक करनी चाहिए ।

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10 SEP 2020 AT 15:40

इतना कमजोर नही हू,
की हार मान जाऊ गा
सो शायरी ओर लिखू गा,
पर एक आशू ना बहाऊ गा

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12 AUG 2019 AT 10:33

मंच बदले हैं मैंने पर काम अभी भी जारी हैं..

ये जिंदगी है साहब मैंने भी हार नहीं मानी है।

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17 AUG 2018 AT 13:29

मौत खड़ी थी सर पर,
इसी इंतजार में थी,
ना झूकेगा,ध्वज मेरा,,
15 अगस्त के मौके पर !
तू ठहर, इंतजार कर,
लहराने दे बुलंद इसे !
मैं एक दिन और लड़ूंगा,
हार नहीं मानूँगा,,
मौत तेरे से !!
मंजूर नही है कभी मुझे,,
झुके तिंरगा स्वतंत्रता के मौके पर !!!😢😢

🙏 *कोटि कोटि नमन* 🙏
*भारत रत्न वाजपेयी जी*
💐💐🌷🌷💐💐

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11 JUN 2021 AT 17:16

2122 2122 212
ज़िन्दगी यूं बेवफ़ा हमसे रही
सब बिखरता जा रहा जैसे कहीं

इस क़दर तन्हां यहां है आदमी
गुम हुआ अपना ही साया भी कहीं

दौर कैसा आ गया है देख तू
खैरियत भी पूछता कोई नहीं

भीड़ लोगों की बड़ी दुनिया में है
आदमी मिलता नहीं फिर भी कहीं

नाखुदा जिसको बनाओ तुम कभी
वो ही कश्ती को डुबोता है कहीं

टूट जाए चाहतों का सिलसिला
ज़ख्म दिल का फिर कभी भरता नहीं

ज़िन्दगी जितना रुला ले तू मुझे
हार मानूंगा कभी भी मैं नहीं।

*****अमरीश अग्रवाल "मासूम"

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20 MAY 2020 AT 23:39

हार कहाँ हमने मानी है

हृदय द्रवित, गला सूखा, आँखों में पानी है, हार कहाँ हमने मानी है।
चतुर्दिक हाहाकार हड़कंप मचा है, चहु ओर सुख और शांति लानी है।
कठिन समय चल रहा है चलता रहे, हमने तो लड़ने की ठानी है।
मुश्किल परिस्थिति है अवश्य रहे, हमने तो बदलने की ठानी है।
आशा की किरण डूबती है भले डूबे, हमें तो आशा की लो जलानी है।
भाग्य विपरित है होता रहे, हस्तरेखाओं को परिश्रम पसीने से मिटानी है।
छोटी सी नाव है समुद्र रौद्र है होता रहे, नाव को भुजबल से तट लानी है।
लाख प्रयत्न असफल हुए है होते रहे, अभी भी कमान हाथ में थामी है।
क्षण क्षण शक्ति क्षीण होती है होती रहे, हिम्मत से हमने छाती तानी है।
दुनिया कुछ भी कहती है कहती रहे, हमें वीरता की शौर्यगाथा सुनानी है
हवा उलटी दिशा में बहती है बहती रहे, हवा को मोड़कर दिशा दिखानी है।
पथ में पत्थर, चट्टानें आती है आती रहे, पत्थर बिछाकर, चट्टानें चीर सड़क बनानी है।
पाँवों में छाले पड़े हैं पड़ते रहे, हमें पद चिह्नों की छाप छोड़ जानी है।
जीवन युद्ध डटकर लड़ना है जो भी हो अपनी पीठ नहीं दिखानी है।
जीवनसाथी, बंधु-बांधव शत्रुदल में है, अकेले ही सबको धूल चटानी है।
हँसते हँसते जीना है विषमता का विष पीना है, हार कहाँ हमने मानी है।

19/05/2020

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19 MAY 2020 AT 0:33

जिंदगी से उदास होकर

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8 SEP 2019 AT 7:27

वो कोशिश कर रहा है मंजिल नहीं मिल रही
कोई शख्स तो है, जो माला जपके बैठा है,

रास्ते उसके रूठे हैं तो क्या सपने भी टूटे है तो क्या
वो भी अंधेरी रातों में, दीपक लेके बैठा है!

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7 APR 2019 AT 20:07

#हार नही मानूँगा #
पहाड़ों सा मुश्किल तिनकों सा आशा मेहनत बेहिसाब फिर भी निराशा
मंजिल काफी दूर आंखों में लिए आशा, काम न आएगी तेरी हताशा... तो फिरसे उठ फिर क्या करेगी निराशा..बंदिशे नही बन्दों के लिए, जो लिए बैठे हैं नेक इरादा!

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