बे फिजूल का नाटक बोला, सब बे फिजूल था क्या,
क्या उस रात सच में तेरी मौसी के लड़के का फोन था क्या!
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अपनी कलम द्वारा समेटने का प्रयास करता हूं,
जिसमे कभी कभी आ... read more
Today m very harass and shock to see hathras scandel. is that place have political shop there are politician not coming to get sympathy with there family who Victims these politicians only for coming to shine our party logo...it is very shameful. I'm to be ashamed to say that we are living this kind of society.... 😩😩😩
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मेरी तपिश के आगे हार गये जज्बात मेरे,
मेरी मोहब्बत पाक रहेगी सदियों गुजरने तक!-
उसकी जुल्फों की आड़ में छिपते हैं जो,
उऩ झुमकों की किस्मत भी गजब ही है!-
वो चूड़ी वाले को अपनी कलाई थमा देती है,
जिनकी हम आजतक उंगलियां न छू सके!-
वो चूड़ी वाले को अपना हाथ थाम लेती है,
जिनकी हम आजतक उंगलियां न छू सके!-
कभी यहां बात करते हो
कभी वहां बात करते हो
आप बड़े लोग हो साहब
हमसे कहां बात करते हो!-
जब उसकी जिंदगी में कोई और आ गया,
तो में भी पढ़ाई छोड़ के अपने गाँव आ गया!-
सौ दफा देखती होंगी तुम खुद को आईने में,
कोई एक वजह बताओ कि इश्क़ न कऱूं तुमसे!-
जो तेरे साथ रहते हुए भी सोगवार हो
लानत हो एसे शख्स पे और बेशुमार हो,
अब इतनी देर भी न लगा ये न हो कहीं
तू आ चुका हो और तेरा इन्तजार हो,
में फूल हूँ तो फिर तेरे बालों में क्यों नहीं
तू तीर है तो फिर मेरे कलेजे के पार हो,
इक सिगरेट पीने की आदत को छोड़कर
दीपक तुम आदमी तो बहुत शानदार हो!
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