तुम मनुष्य हो, अमित बुद्धि-बल-विलसित जन्म तुम्हारा.।
क्या उद्देश्य रहित हो जग में, तुमने कभी विचार ?
बुरा न मानों एक बार सोचो तुम अपने मन में..
क्या कर्तव्य समाप्त कर लिया तुमने निज जीवन में..??-
Akshaya Sharma
(Akshaya Sharma♡)
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Brahmin✌️💥
Joined 24 December 2017
19 AUG 2020 AT 14:29
8 AUG 2020 AT 9:11
मुझे जरूरत नहीं किसी भी गहने की,
तुम्हारा एहसास ही मेरा श्रृंगार हैं..!.!-
27 JUL 2020 AT 11:44
शिव ही 'स्वर्ग', शिव ही 'मोक्ष'
शिव ही 'परम साध्य' हैं..
शिव ही 'जीव', शिव ही 'आत्मा'
शिव ही 'आराध्य' हैं..!.!
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19 JUL 2020 AT 22:56
समाज कहता हैं स्त्री से,
तुम सीता सा फ़र्ज़ निभाओ..
अरे! हर फ़र्ज़ अदा करेगी वह..
पहले कोई उसे राम से तो मिलवाओ..!.!-
13 JUL 2020 AT 12:26
क्योंकि तुम एक स्त्री हो..
तुम आद्य शक्ति हो..
तुम प्रकृति हो..
तुम एक माँ हो..
बहन और पत्नी हो..
एक पिता का अभिमान हो..
तुम्हारे बिना ये संसार निर्रथक है..!!!
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12 JUL 2020 AT 21:24
Make your soul pure to accept that love...❤️
Leave your conditions backward and then take a step to receive it..
With pure soul only you can feel the real feeling of Love...💕
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