सेक्स मनुष्य के आचरण का अभिन्न अंग है। इसे अपदस्थ करने की चाहे जितनी भी चेष्टा की जाये, वह बार-बार सिंहासन के ऊपर आ बैठता है। शास्त्र और नैतिकता के प्रहरी उसे बाँधने की तैयारी करते हैं, उस पर सेक्स का देवता व्यंग्य से मुस्कुराता है, मानो, वह यह कह रहा हो कि उतने बंधन तो मैं तोड़ चुका, देखूँ, इस बार तुम कैसी ज़ंज़ीर तैयार करते हो ?
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मैं तुम्हारी आगोश में जा कर बेहोश हो जाती हूं,
लबों को तेरे लबों से लगा कर मदहोश हो जाती हूं।-
बंद कमरों के पीछे
शादी के बाद !
मेरी इच्छा , सुभीता , सम्मान
एक कल्पना
तो नही रह जाएगी न !!
मुझे मेरी प्रार्थना पर विश्वास
करना होगा की मुझे एक
ऐसा पुरुष मिले जो
अपनी काम इच्छा को
मुझ पर थोपे न
की पुरुष को कोई कुछ
सिखाता नही क्या !?
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तुम्हें मेरे मुकद्दर पे रश्क है, मुझसे बहुत जलते हो,
रास्ते हसीं हैं सफ़र के, तुम साथ क्यूं नहीं चलते हो?
ये शबनम, झरने, नदियां और बारिश का पानी,
इतनी दफा तुम अपना जिस्म कैसे बदलते हो?
गुलाब, गर्दन, लब, जुल्फ, गाल और बाल,
छूता हूं मैं जब भी तुम इतना क्यूं मचलते हो?
हर शब होती हैं जंग खिताबी हुस्न की,
तुम चांद के समय बेपर्दा क्यूं निकलते हो?-
पति -पत्नी के रिश्ते में सेक्स के
बाद समय देना एक दूसरे को
बेहद जरूरी होता है।
कई बार समय ना दे पाने
की वजह से रिश्ते कमजोर
हो जाते है ।
टूट जाते है , साथ भी छूट जाता
है ।
और लोग फिर दोष किस्मत को
देते है.....
की मेरी किस्मत में ऐसा
लिखा था ।।-
कुछ पल की भूख होती है जिस्म की
आजकल के लोग हमबिस्तर होने के लिए इश्क का छलावा करते हैं।-
यूं के टेबल नीचे से मेरे पांव पर अपने अंघुठे से कोनसी कहानी लिख रहे हो
मुंह खुला है और आंखे बंद आज कुछ अलग दिख रहे हो-
जिस्म की तस्वीर ,
और उस पर खूब लिख लेती हो,
कैप्शन में " erotic " भी दर्शा देती हो ,
जब बात आती है " feminism" की,
तो उसी तस्वीर के ख़िलाफ़ खरे उतरती हो,
अच्छा सोच लो,
तुम चाहती क्या हो?
एक आज़ादी,
अच्छा लिखना,
या बेडरूम में चेन से बंधकर सेक्स करना?
क्या तुम्हारी मुहब्बत,
अब तक रूह में नहीं उतरी?
(जिसे समझ में आय वही कमेंट करें)
-भावना-
"कलजुगी प्यार"
★★★★★★★★★★
लव यू से शुरू होता है ये,,
सेक्स की मंजिल पर खत्म होता है ये।
ये जो कलजुगी प्यार होता है,,
नंगी तस्वीरों का बाजार होता है......।।
पहले ये फ़ेसबुकिया यार होते हैं,,
फिर व्हाट्सअप पर जी.एफ.-बी.एफ. होते हैं..!
दिनभर छोड़ हर काम चैटिंग के नशे में खोते हैं,,
ऑनलाइन जुड़े इनके दिल के तार होते हैं....।।
कुछ ही महीनों में हो जाता है तगड़ा अट्रैक्शन,,
कैसे रहें दूरी कैसे सहें...।
अब करना है जल्दी प्रैक्टिकल ,,
बढ़ा रहा उत्तेजना सेक्स का कैमिकल....।।
अब तो जी सेक्स करना है,,
तुझमें ही जीना -मरना है....।
जिंदगी का हर लम्हा तेरे नाम करना है,,
हो गया अब सेक्स भी,,
अब तुझसे है मन भर आया....।।
फिर से एक नये नग्न बदन की शुरू तलाश,,
नैतिक मूल्यों का बढ़ता ह्रास... /
भावनाओं का रोज़ सत्यानाश,,
नग्नता ही इसका कारोबार है....
हाँजी यही...यही तो कलजुगी प्यार है......।।
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ज़िन्दगी में अपनी खुशी ओर शुकुं के लिए,
किसी लड़की को खिलौना नही बनाना चाहिए-