जिद्द का खिताब वो जितकर लाने वाली
ओर सभी बाते अपनी वो मनवाने वाली|
अपनी बचकानी आदत से मोहित करती है
सभी को खिलखिलाने का मौका दिलवाने वाली|
अपनी खुबसुरती को वो नजरअंदाज करती है
अपनी भावना को हर पल पवित्र बनाने वाली|
अपने संस्कारो का नाम आसमा पर देखती है
अपनी लेखनी से अपनी शान दिखाने वाली|
अपने शहर के लोगो के दिलो मे बसती है
सभी को अपने स्नेह से प्रेम करवाने वाली |
#Meena soni-
बदलते वक्त के साथ गर लोग पिछे हटते है,
तो आपको भी जबरदस्ती नही करनी है|-
ये जो तुम मेरे तन को देखते हो...
क्यू नही कभी मेरे मन को देखते हो...-
मै एक बार फिर मेरे मन को तेरे मन से मिलवाउंगा
क्यूंकी मै एक बार फिर तेरे शहर आऊंगा....
इन नदियो की चालो मे
यहां इन फूलों के खलिआनो मे
तेरे गीत मै उनको अब सुनाउगा
क्यूंकी मै एक बार फिर तेरे शहर आऊंगा...
इन बहती कश्तियो मे
उस महताब की आँखो मे
तेरे ही रंगो से उन्हे अब मै सजाऊंगा
क्यूंकी मै एक बार फिर तेरे शहर आऊंगा...
मेरे खयालों के मंका मे
मेरे घर के आगंन मे
तेरा ही नाम अब मैं गुनगुनाउगा
क्यूंकी मै एक बार फिर तेरे शहर आऊंगा...
अपनी किताबो के पन्नो मे
अपनी आदत के लम्हों मे
तेरी ही बाते अब मै छोड़ जाउगा
क्यूंकी मै एक बार फिर तेरे शहर आऊंगा...-
देशवासियो का प्यार है ये दिवस
अपने गर्व की पुकार है ये दिवस|
है आज कुछ पशेमानिया यंहा
फिर भी एक सितार है ये दिवस||-
सुना था वादो मे लोग सभी का सामना कर जाते है
लेकिन उनसे तो एक सच भी न बोला गया|-