सास
घर आयीं...
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म्हारे धणी जी मारवाड़ी
मैं हूँ पक्की दिल्ली वाली
मैं तो थाकी रे... हाँ, थाकी रे
सासू माँ बोलीं, "धोक दो"
मैं समझूँ, "ठोक दो"
And I ask, "गाड़ी से या हथौड़ी से"
सासू माँ का चढ़ गया पारा
वो बोलीं, "हाय म्हारे राम जी
ये मैं कैसी बिंदणी ल्याई
मैं इसकी डिग्री के झांसे में आई
वाह... इन्न मारवाड़ी कोनी आवे...
English मन्ने ठां ना पड़े
मदद!
संभालो मन्ने!-
सभी सास को गाय जैसी
बहू चाहिए
फिर बहू आने के बाद बताती है
की गाय की सींग भी होती है😂😂-
Dear......
होने वाली सासू माँ , हमारे रिश्ते को देदो ना मंजूरी ,
वरना हम दोनों की जिंदगी हो जायेगी अधूरी....-
सासू मां :- थे काम कांई करो छो ,म्हे तो कुआं
सूं पाणी ल्यावै छा 😠...
तो दोस्तों घर में खूब पाणी आवै छ:
पर मैं तो चाली पाणी भरनव ,,,साथ चाली
म्हारी सहेलियां 😜🤭🤭-
मुझको बहुत प्यार दिया
मेरी सासू मां ने मुझको बहुत प्यार दिया।
अपने जान से प्यारे बेटे को मुझे हंसी खुशी सौंप दिया।
अपनी कुशल गृहस्ती को मेरे हाथों में रखकर आशीर्वाद सौ सौ बार दिया।
अपना सारा घर संसार मुझ पर वार दिया।
घर में कदम रखते ही लाड प्यार और आशीर्वाद दिया।
घर में छोटी बहू थी मै मेरी गलतियों को बचपना समझा कर माफ किया।
एक कोमल लड़की को कुशल ग्रहणी का अवतार दिया।
मुझ में साहस भरकर मेरा मार्गदर्शन हर बार किया।
मेरी सासू मां ने मुझको बेटी से बढ़कर प्यार दिया।
बाहर से दिखती थी जितनी सख्त अंदर से उतनी ही कोमल थी।
मन में प्यार बहुत था लेकिन शब्दों में ना कह पाती थी।
उनकी भावनाओं को मैं हर बार न समझ पाती थी।
जब परिणाम सामने आता था तब ही मैं उनकी भावनाओं को जान पाती थी।
सास बहू के इस रिश्ते में बहुत ही गहराई थी।
काश हर कोई समझ पता वह भी इस घर में कभी बहू बनकर आई थी।
आज मां सा प्यार देकर वह सासू मां कह लाई थी।
पोते की जन्म लेते ही लाख बलाएं उतारी थी।
कुल वंश बढ़ाने वाली लक्ष्मी कह कर मेरा मान बड़ाई थी।
मूल से ज्यादा प्यारा होता है ब्याज यह बात आज समझ में आई थी।
जाओ मेरी सखियों काजल की डिबिया ले आओ,
सास बहू के प्यारे रिश्ते को काला टीका तो लगाओ।
सासू मां ने मुझको बहुत प्यार दिया।
(स्वर्गीय श्री लालमणि हुकुम सिंह यादव को समर्पित यह कविता)
नीलम सर्वेश यादव-
तु जान है,शान है, तुझसे ही इस घर की पहचान है,
तु है तो घर, घर है वरना तो वो बस एक मकान है।
कहने को तो तुम सास हो मेरी, पर मेरे लिए तो मेरा मान सम्मान है, ऐसी सासू मां पाने के लिए सात जन्म कुर्बान है।-
जो सास सूरत देखकर
चाँद सी बहुरिया घर लाती हैं ना
वही चाँद सी बहुरिया सास को
दिन में तारे दिखाती हैं।
😁😀😎😂-
एक अजीब सा डर लगा है मन में
उनको खोने का खौफ़ सताता रहा
अपनी माँ का साथ कभी मिला नहीं
पता नहीं इस माँ का साथ है कब तक-
कान्हा की कहानी फिर से दोहराई गई
देवकी माँ और यशोदा मैय्या उसके पास थे
पहले देवकी माँ की लाड़ली थी
अब यशोदा मैय्या की जान है वो
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