क्या लिखूं आपके लिए....
शब्द,कागज़, स्याही,कलम....
सब कुछ तो आप है🙏-
।। मुझसे पिया तुम क्यूँ मिलते हो ।।
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मुझसे पिया तुम क्यूँ मिलते हो
रूक जाने की जिद क्यूँ करते हो
मैं तो हुई अब एक वैरागन सी
तूम तो भये एक सुखी आंगन से
जोगन से अब प्रेम क्यूँ करते हो
मुझसे पिया तुम क्यूँ मिलते हो.......।१।
अब की जो बिसरी घर से जो निकली हूं
फिर वापस लौट आऊं मैं कैसे
पुनः मिलन की उम्मीद लिए पिया
मेरी राह क्यूँ तकते हो
मुझसे पिया तुम क्यूँ मिलते हो.......।२।
अंधेरा ज्यों हटा,, भई जो भोर,
उठ कर जाना होगा राह की ओर
बाद दोपहर जाने कि बातें, क्यूँ करते हो
मुझसे पिया तुम क्यूँ मिलते हो........।३।
बरखा की बूंदों सी मैं,
तुम ओस की बूंद से,
होकर भी एक,, है अलग सा रिश्ता अपना
पिया तुम जबरन, इसे जोड़ा क्यूँ करते हो
मुझसे पिया तुम क्यूँ मिलते हो........।४।-
जानना था मुझे, वो राज खोला है,
तुमने सुना सांवरिया सेठ बोला है।
#सांवरिया_सेठ_मंदिर
#मंडफिया_चित्तौड़-
वो रंगरेज़ है
इश्क़ से लबरेज़ है
कैसे बचूँ ओ रब्बा
आठो पहर मोहे ताडे
नज़रों का वो बड़ा तेज़ है
धानी चुनरिया भींगी केसरिया
छन छन कर हाय बिखरे मोती ऐसे
काँटों सी क्यों चुभती फूलों की सेज़ है
पहला पहर बन झींगुर की झायं
दूजा पहर चन्दा बन शरमाये
तीसरे पहर में तारो को लाज़ लजाये
चौथे पहर में शुकवा नींद उड़ाए
पांचवा पहर हाय चैन चुराये
छठवें में जाने कैसे कैसे रोग लगाये
सातवां पहर जैसे खुद ही मुआ जाये
आठवां पहर जग हँसी में उड़ाए
अब तो नज़रिया जोगन बनी
चहुँ ओर सांवरिया ही नज़र आये
बरक़त अब तो मिल ही जाये
बढ़ती मेरी इश्क़ की नेत है
वो रंगरेज़ है
इश्क़ से लबरेज़ है........-
सेठ सांवरे एक दफा तेरी दीद हो जाएं,
आंखो में सजा लूं और मुकम्मल नींद हो जाएं।-
आंखों से करूं आरती,
मैं तुझको पुकारू गीत में,
राह तके है तेरी नैन मेरे,
तू घुलता है मेरी प्रीत में,
ज़र्रे ज़र्रे में हूं ढूंढ़ता,
ढूंढू तुझको हर मित में,
तू आकर बस जा सांवरे,
अब तो दिल-ए-'जीत' में।-
गुलाबों सा महकता है,
वो बड़ा खूब लगता है,
हर मुश्किल में हरवक्त,
वो मेरा ख्याल रखता है,
नहीं किसी की तलब हैं,
ना किसी की आरज़ू हैं,
सांवरिया सेठ की रहती,
हरवक्त मुझे जुस्तजू है।-
दिल में बसाकर कहां चले जाते हो,
है सांवरे तुम मुझे इतना याद आते हो।-
मेरी शख्सियत को चुन चुन कर समेट लेने वाले,
मुझे अपनी तू पनाह दे तो अच्छा है।
मर मिटे हैं सांस सांस कतरा कतरा तुम पर हम,
खुद में अपने तू जगह दे तो अच्छा है।-