सोचो उस वक़्त कौन तुम्हें सताएगा,
जब छिप जाएंगे वहां हम जहां ढूंढ़ कोई न पाएगा।-
ये क्या आग लगाए जा रहे हो,
हर जगह मुझे अपना बताए जा रहे हो,
मेरी खुशियां चाहते थे ना तुम!
तो फिर क्यों मुझे सताए जा रहे हो।।-
यह जनते हुए भी की,
मैं तुम्हारे बिन नहीं रह सकती,
फिर भी तुम मुझे सताते हो,
यह जनते हुए भी की,
मैं तुम्हारी दूरी नहीं सह सकती,
फिर भी तुम मुझसे दूर रहते हो,
यह जनते हुए भी की,
मैं तुम्हारी आवाज़ सुने बिन
नहीं रह सकती,
फिर भी तुम अपनी आवाज़ सुनाने
के लिए मुझे तरसाते हो।।-
आना चाहती हो क़रीब तो क़रीब आ जाओ।
जाना चाहती हो दूर तो दूर चली जाओ।
ये बीच में रुक कर क्यों सताती हो?-
वो बचपन की बातें
वो बचपन की बातें
कितना मुझे सताते,
वो बचपन की यादें
कितना मुझे हसाते।
वो छोटी आशाओं में
कितने सहारक मिले,
वो छोटी सी बातों में
कितने आवाज गूंजे।
वो नन्ही नन्ही हसियाँ
वो नन्हीसी रूलावट
कितना मूझे अपने
यादें में डूबोते।
वो बचपन की बातें
कितना मुझे सताते,
वो बचपन की यादें
कितना मुझे हसाते।-
कभी तुम्हारी बहुत याद आती है,
तो कभी तुम्हारे ख्वाब आते है।
कभी तुम्हारी नाराजगी सताती है।
कभी तुम्हारा साथ याद आता है।
कभी तुम्हारे साथ बीताये हसीन
पल याद आते है।
मुझे सताने के सलीके भी तो देखो!
जनाब को बेहिसाब आते है।-
वो आकर मेरे ख़्वाबों में, मुझे तरसाने लगी हैं,
जबसे देखा हैं उसकी निगाहों में, वो मुझे सताने लगी हैं...!-
अब न ख़्वाब न तेरे ख़याल आते हैं।
ख़ामोश हो क्यों बस ये सवाल सताते हैं।-
"तुम कर लो आज वादा,
सपनों में मेरे आना,
अबकी ना मैं सुनूंगी,
हरबार का बहाना,
जितने गिले है दिल के,
मुझसे ही तुम बताना,
चलता रहेगा यूहीं,
बस रूठना मनाना,
शायद वो दिन भी आए,
जब मैं छोड़ दूं सताना।"
💖💖💖-
कोई खास बात हो तो बताना मुझे
बेवजह फिर ना सताना मुझे
मैं जो भी हूं जैसा भी हूं जानती हो तुम
मैं मर जाऊंगा दोबारा नहीं आजमाना मुझे-