QUOTES ON #वीर_तेजाजी

#वीर_तेजाजी quotes

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20 SEP 2018 AT 0:02

रो भेद न जाणियों जी
हूणों सगळा एक जाट हो धौळीयों जी
लीलण असवारी र पेमल वांकी गंवरजा जी
नागां रै सागे पुजीजे जे नाम हैं वांको तेजाजी

🚩 अनुशीर्षक 🚩

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18 SEP 2018 AT 20:18

ऊंच नीच ना मानी तेजाजी , ऊंच नीच ना मानी रामा पीर ।
माणस देह एक सरीसी , ऊंच नीच तू क्यु माने म्हारा बीर ।।

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21 JUN 2020 AT 20:26

********** किशोरावस्था **********
हुए किशोर आए संघर्ष, तनाव,दबाव और तूफानी।
बुद्धि अधिकतम घनिष्ठ मित्रता,हम बने और सानी।
पीढ़ी अंतर,विचार मतभेद, विद्रोह की स्थिति आई।
दूरी-गम,कल्पना बाहुल्य,दिवा स्वप्न की स्थिति आई।।
मानसिक स्वतंत्रता, कुसमायोजन,अपराध प्रवृत्ति।
आत्मसम्मान,वीर पूजा,समाज सेवा व देश भक्ति।।
शैशवावस्था पुनर्रावृत्ति,ईश्वर-धर्म ∆विश्वास-अविश्वास।
मादक पदार्थ सेवन,समय अपराध प्रवृत्ति का विकास।।
समवयस्क समूह,स्व पहचान,नेतृत्व,आत्म चेतना।
व्यवसाय चुनाव, आत्म-निर्भर-संप्रत्यय की भावना।।
किशोर सौंदर्य उपासक,वाणी में भारीपन व कर्कशता।
किशोरी सौंदर्य उपासक,वाणी में मधुरता व कोमलता।।
विपरीत लिंगी आकर्षण और गम्भीर वितीय समस्या।
आत्महत्या,काम,जीवन साथी के चुनाव की समस्या।।
अध्ययन के प्रति हुए गम्भीर, स्वतंत्र निर्णय की क्षमता।
आदर्शवादv/sयथार्थवाद,आत्म निर्भरताv/sनिर्भरता।।
माता-पिता से अधिक हम उम्र साथी को महत्त्व देना।
अमूर्त चिंतन की योग्यता,जीवन दर्शन की शिक्षा लेना।





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या केसी ऊँचाई जो आदमी न आदमी न समझें
नीचता, बेसक हो । पेसो की या शोहरत की।
तहजीब सीखा देवे से , वा गरीबी दुपटटा फटा होव से फिर भी सिर प सजा होव स।

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28 AUG 2020 AT 23:37

समं पश्यन्हि सर्वत्र समवस्थितमीश्वरम्।
न हिनस्त्यात्मनात्मानं ततो याति परां गतिम्।।
(गी. अ.13,श्लोक-28)

जो ईश्वर को सर्वव्यापक के रूप में मानते हैं वे मनुष्य मृत्यु पर विजय प्राप्त कर परम् गति को प्राप्त होते हैं।

हम प्रकृति के उपासक हैं और उन्हें माता के रूप में देखते हैं।परमात्मा और प्रकृति के संयोग से जीवात्मा पृथ्वी पर आता है। प्रकृति प्रेम की एक अनूठी दास्ताँ "खेजड़ली" गाँव की है। जो राजस्थान के जोधपुर जिले से लगभग 25 किमी दूर है। भादों शुक्ल पक्ष दशमी हमारे लिए विशेष तिथि है इस दिन राजकीय अवकाश भी होता है।

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18 SEP 2018 AT 21:22

सब मनका रे मन रो मेल है
वरना तो अटे सब मनक रही है

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18 SEP 2018 AT 20:47


ऊँच नीच छोटा बड़ा रो भेद रोकणो बहोत सही
बात है।तेजाजी महाराज खुद यो काम अपणे
हाथ्या से कर्योहै..ऊँच नीच रो भेद मिटा कर
मंदिर मे आणो शुरू करवायो.और भेदभाव
दूर कर्या है कल तेजाजी रा जन्मदिन रीआप सभी
नै घणी घणी बधाइयां ......

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18 SEP 2018 AT 23:11

भक्त हा उन वीर तेजाजी के जिन्होंने कभी ऊँच नीच का ख्याल किया कोनी ।
और जद बात आई सत्य और ज़ुबान की तो प्राण देड़ते भी पीछे हटिया कोनी ।।

जय वीर तेजाजी

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15 SEP 2021 AT 23:01

गायां खातर वार चढ़ ग्या, करि झगड़ा में जीत ।
वचनां खातर प्राण दे दिया, राखि शूरां वाळी रीत।।

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