karishma suthar   (ks_)
1.4k Followers · 100 Following

read more
Joined 26 November 2017


read more
Joined 26 November 2017
26 AUG AT 19:40

किसी को मुस्कराहट इतनी प्यारी भी ना लगे
कि फिर बस रोने के लायक ही रह सके हम

-


26 AUG AT 19:26

एक कहानि को इस तरह मुकाम दिया मेंने
जो न मिल सका उसका नाम न लिया मेंने

-


22 AUG AT 22:01

किसी से यु बिछड़े हैं जैसे शाँखो से पत्ते
किसी से यु छुट्टे हैं जैसे निन्दो से सपने

किसी से यु मिले हैं जैसे सवेरे से उजाले
किसी से यु रूठे हैं जैसे बादलो से बुंदे

-


26 MAR AT 20:26

एक कहकशाँ हु मैं खुद में
कितने सितारे टुटे है मुझमें
जिसे तुम चाँद बता रहे हो
किसी की निशानी है मुझमें

-


31 DEC 2024 AT 22:22

ऐसे शब गुजरे हमारे जैसे घड़ी भर का ही साथ था हमारा
साल दर साल ऐसे गुजरे जैसे कल आया ही नहीं था हमारा

-


3 DEC 2024 AT 18:20

थोड़ा सीखा ओर फिर जज्बा ही नहीं रहा
जिंदगी तुझमे तो मेरा कोई किस्सा नहीं रहा

कितना ज़िया था अब तक मैंने जिंदगी को
ओर उस पर तो अब मुझे भरोसा नहीं रहा

रहनें दिया होता जो भी रखा जा सकता है
अंधेरे कोनों का महज़ घर मे काम नहीं रहा

रिश्ता बहुत से लोगों से रखना था उसे
हमारा रिश्ता इसी चक्कर से नहीं रहा

लोगों ने क्या क्या कहानियाँ बना ली पीछे
करिश्मा इसी लिए तो वो किस्सा नहीं रहा

-


30 NOV 2024 AT 13:58

इतना मासूम है कि सब हो हैरत हो
खामखां तो नहीं यु सब को हैरत हो

मैंने पूछा हर किसी से बस तेरे बारे
तु न पुछ मेरे बारे, सब को हैरत हो

हैरत में रखा ख्यालो ने तेरे इतना
अगर हकीक़त हो गयी तो हैरत हो

पहाडों को गुमा रहा आसमां का
संदर खुला जब सब को हैरत हो

कहानियों ने उलझा रखा शख्स
करिश्मा तुम्हे ओर ख्वाब हैरत हो

-


27 NOV 2024 AT 15:11

ताकतें ताकतें ही हमारे किसी का सफर गुजर गया
मंजिल से हमारी जाने कितनों का सफर गुजर गया

काम नहीं था सो ठेहरे नहीं कोई दर पर हमारे
हर आने जाने वाला अनजान अपना गुजर गया

ताकता रहा आसमां हर नजारा खास ओ आम
ताकतें ताकतें ही वो कितने शहरों से गुजर गया

अपने यु गये छोड़ कर के ख़बर ही ना हो सकी
वक्त देखा मिलने का तब तक शख्स गुजर गया

उम्मीदें यु दी लोगों ने जैसे पुरी होंगी सब वक्त पे
करिश्मा यु हुआ की उम्मीदों पर वक्त गुजर गया

-


10 AUG 2024 AT 21:38

भूल जाते हो तुम की वक्त याद दिला देता है
जो हासिल हुआ हैं मुश्किल से छुडा देता है

-


10 AUG 2024 AT 21:32

कुछ रमक़ रह गईं थी सो पुरा कर रहे हैं
नसीब की किमत इंसान से कुछ ज्यादा है

रमक़ - रही सही जिंदगी

-


Fetching karishma suthar Quotes