देख आज
सब खत्म हुआ ,
तेरी नफरत का
ये असर हुआ ।
क्या पा लिया
खत्म कर जज़्बात तुमने,
बहुत कुछ खो दिया
छननी कर विश्वास तुमने ।
कहाँ पहुँचा तू
टूटी हर रिश्तो की डोर है ,
देर बहुत हो गई
अब असफल
तेरा हर प्रयास है।।-
विश्वास
विश्वास तो एक आइना है
एक बार टूट गया तो कितना भी जोड़े
फिर उसमें वो बात,वो अक्स कहाँ।-
भरोसा और विश्वास दुनियाँ कि
बहुत बड़ी पूँजी हैं।
अगर एक बार टूट गया तो फिर
दुबारा कायम नहीं होता।
जिसका टूटता है वो अंदर ही अंदर
बिखर कर रह जाता हैं।
ना तो वो किसी रिश्ते पर विश्वास कर पाता है,
ना तो किसी इंसान पर।
और अब तो बस जीवन भर यही बात
याद रहेगी कि क्या मैं किसी पर जीते
जी भरोसा कर पाऊंगी?
क्या मैं किसी के साथ प्यार और विश्वास
का रिश्ता फिर से कायम कर पाऊंगी?-
जब सोचते है कि सब ठीक हो गया है।
जो कुछ भी था वो अतीत था।
उसको लेके बैठे रहेंगे तो कही के नही होंगे,
ना तो विश्वास बचेगा, जो रोज तिल-तिल टूट रहा है।
ना तो रिश्ते में प्यार बचेगा। जो भले ही निभाया
जाये पर उस रिश्ते कि आत्मा अंदर से मर चूँकि होगी।
पर फिर कही ना कही से कुछ फिर से ऐसा देखने
को मिल जाता है कि दिल क्या आत्मा, विश्वास
सब कुछ मर जाता है।
क्यों विश्वास को तोड़ा जाता है क्यों ?
😥😥😥😥😥😥-
हाँ अब सुकून नहीं मिलता ।।
ये सोचकर कि ,,,?,,???????
अब हमसे "कोई सवाल नहीं करता ""*
हमे छोड़ जाने का "कोई मलाल नहीं करता ***
हाँ, बेशक 'हमसे कोई सवाल नहीं करता ।।।।।-
तुम पे ऐतबार करना -छोड़ दिया 😫__(चलो अच्छा है ) -मैंने अब प्यार करना छोड़ दिया ।।
-
हक नहीं मेरा_ तेरी मोहब्बत पे।।।😊________
वरना सारे जहाँ की खुशियाँ- तेरे नाम कर देते 😍______-
'प्रेम' मे प्रेम से बड़ा उपहार होता है 'विश्वास'|
और....
'विश्वास' उस पर करो जिस पर वास्तव मे 'विश्वास' कर सको|-
यूँ तो आखिरी साँस तक के साथ की उनसे आरज़ू थी "ख़्वाहिश"..
मगर वहाँ तक पहुँचती कैसे, विश्वास की डोर जो छोटी पड़ गयी..-