अभी तक ज़िन्दगी कट रही थी!
पर अब ज़िन्दगी जीना चाहती हूं!-
मैंने तुम लिखा !
मैंने मै लिखा !
बस इतना लिख के रुक गई!
कुछ याद रहा तो कुछ भूल गई!
तेरी यादों में गुम गई! दिन ढला रात हुई!
फिर सपनों में मै तुम्हारे साथ हुई! ख़ुद को
पाया तेरे साथ और चेहरे पे मुस्कान हुई !-
हो जाए पहचान जिससे,
पास में वर्दी का होना जरूरी है।
मिल जाए सफलता जिससे,
साथ में प्रतिस्पर्धी का होना जरूरी है।।-
पहन लिया वर्दी मैंने,
अब यही मेरी पहचान है।
ए! गद्दारों,
यह बेशक तुम्हें लगे कपड़ा,
अब यह मेरा ईमान है।
प्रेम भी इससे,
त्याग भी इस पर।
इस पर कुर्बान मेरी जान है।
मेरा भारत महान है।
इस वर्दी का कोई,
मोल नहीं,
मेरे लिए अनमोल है।
पहन लिया वर्दी मैने
अब जीवन का आरम्भ है।
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बचपन से ही सपना है मैं फौज में जाना चाहती हूं,
उस वर्दी को मैं अपने तन पर सजाना चाहती हूं,
लगेंगे Sitare जिस दिन मेरे कंधों पर उस दिन को मैं जी भर के जीना चाहती हूं,
Lieutenant से Captain, Captain से Major इसी तरह Officer Rank तक का सफर करना चाहती हूं,
दुश्मन की छाती पर मैं तिरंगा फहराना चाहती हूं,
अपनी बची हुई जिंदगी मैं देश के नाम कर देना चाहती हूं,
बस इसी आस में CDS की तैयारी में लग जाती हूं।-
निज कंधों पर सम्पूर्ण देश का
अभिमान उठाये रहते हैं .....
वो वीर योद्धा वर्दी का
सम्मान बनाये रखते हैं ..-
तोड़ के तमाम वादे उसने पापा की इज्जत रख ली,
फिर उसने साड़ी पहन ली और हमने फौजी वर्दी पहन ली।-
नौकरी तो बहुत सारी है लेकिन
इस देश में बस वर्दी की चाहत में कुछ और ही बात है 🥷❣️-