शहीद दिवस
बुझी हुई लौ नहीं मै अमर दीप सरताज़ हूँ
मिट गया वतन पर मैं उस हिंद का चिराग हूँ
सरदार भगत सिंह जी
जय हिंद 🇮🇳 वदेंमातरम
23 march 1931
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तन मन झूम उठता हैं हमारा,
दुनिया की सारी इश्क-मोहब्बत,
फिंकी सी पड़ जाती हैं तब,
जब हम हवा में लहराते हुए
तिरंगे 🇮🇳 को देखते हैं।
मानों दुनिया का सबसे बड़ा
सुकून हमारे लिए यही हो।
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दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त,
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी...
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मैं हूँ आसमाँ में पर मेरा दिल वहीं रहता है,
तुमनें जो किया उसे मेरा दिल सही कहता है.
जो फैली है खुशियाँ आज इन बहती हवाओं में
ये शहीद के घरों की हँसी का असर लगता है.-
हर रोज न सही मगर आज तो ये काम करें ,
जहाँ भी तिरंगा दिखे सर उठाकर सलाम करें ।-
सुनो भाइयों 15अगस्त इस तरह मानाओ
तिरंगा उठाओ आपनी धुन में को जाओ
अगर भूख लगी हो तो यहां आओ
कटोरी उठाओ बूंदी खाओ और शुरू हो जाओ
वन्दे मातरम वन्दे मातरम वन्दे मातरम्
जय हिन्द जय भारत pradeep kumar-
🇮🇳
जीवन पुष्प चढा चरणों पर,
माँगे मातृभूमि से यह वर,
तेरा वैभव अमर रहे माँ,
हम दिन चार रहें न रहे...!
🇮🇳🌼🇮🇳🌼🇮🇳
🇮🇳 जय हिन्द.! 🇮🇳 जय भारत.! 🇮🇳 वन्दे मातरम्.!-
"मुस्लिम देशभक्त" या "मुस्लिम देशद्रोही
जो तिरंगे को सम्मान नही दे सकता है,जो भारत माता की जय और वन्दे मातरम जैसे राष्ट्रीय शब्द और नारे न बोल पाते हो,जो तिरंगा जलाने में भी न हिचकिचाते हो,जो देश में आतंक फैलाते हो और आतंकवादी बनते हो,जो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हो.......जिन्हें देश के महापुरुषों का सम्मान शोभा नही देता,जो सेना के जवानों पर पत्थर बरसाते हो उस कौम से देशभक्ति की उम्मीद तो मूर्खता होगी...।।
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