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होठों का मुस्कान से रिश्ता है उसे निभाना तो पड़ेगा ही
चाहे कितना भी वो रुठे उसे लौट कर हमारे पास आना तो पड़ेगा ही-
जिन रिश्तों में सफाई देनी पड़े
उन रिश्तों को तोड़ देना ही बेहतर है-
हवन कर रहे हैं स्वयं को रिश्ते जो बचाने हैं
बस एक पूर्णाहुति है और सब कुछ हमारा।-
जब हम उस की मजबूती पर शक करना शुरु कर देते है !
अपने आप को सही उन को गलत समझने लगते है!-
न जाने क्या है हम दोनों के दरमियाँ जो
दूर रह कर भी पास आ जाते है .....
तुम्हारे दिए सितम आज भी याद है
मुझे फिर भी न जाने दिल मानने को तैयार
हो नही कुछ तो है हम दोनों के दरमियाँ जैसे
दिल का धड़कन से, आंखों का आंसू से.....
शायद ये खुदा का बनाया हुआ वो अटूट रिश्ता है
जो न कभी जुड़ सकता है और न कभी टूट सकता....
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रिश्ते भी कैमरे की रील से हो चले हैं अब
संभाल के सभी ने रखे हैं पर तस्वीर धुंधली है।-
पुराने रिश्ते टूट ना जाए इस डर से ,
कुछ लोग नए रिश्तों को ही तोड़ देते है..-
साथ तुम छोड़ो या मैं छोड़ू
रिश्ता हमारा खराब होगा...
बेवजह दिल में गिला शिकवा रखने से
उम्मीद का दामन छोड़ने से
रिश्ता हमारा खराब होगा...
छोड़ दो ये रोज की तकरार
मुकद्दर का लिखा
कोई नही मिटा सकता
दूरियां तुम बढाओ या मैं
रिश्ता हमारा खराब होगा......
मिल कर संजोते हैं इस रिश्ते को
कितने भी गीले शिकवे हो
न टूटने देंगे इस बंधन को
अगर बिखरने दिया इस रिश्ते को
तो ना ऐतबार रहेगा ना इकरार होगा
मगर रिश्ता हमारा खराब होगा.......-