कहानी बदलेगी,जरूर बदलेगी
किरदार वही रहेंगे बस कहानी बदलेगी
शहर वही रहेगा,राजा वही रहेगा
रानी बदलेगी...-
मरै बैल गरियार, मरै वह अड़ियल टट्टू
मरै करकसा नारि, मरै वह खसम निखट्टू
बाम्हन सो मरि जाय, हाथ लै मदिरा प्यावै
पूत वही मर जाय, जो कुल में दाग़ लगावै
अरु बेनियाव राजा मरै, तबै नींद भर सोइए
बैताल कहै विक्रम सुनौ, एते मरे न रोइए-
यदि राजा धर्मात्मा हो तो प्रजा भी धर्मिष्ठ, पापी हो तो पापी और सम हो तो सम होती है; क्योंकि सब प्रजा राजा के अनुसार चलती है। जैसा राजा है, वैसी ही प्रजा भी होगी।
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अपने अंग के जानि कै जोबन-नृपति प्रबीन।
स्तन, मन, नैन, नितंब की बड़ौ इजाफा कीन।।-
लड़ रहा है अपने वजूद के लिए,
कोई राजा बन के, तो कोई भिखारी बन के !-
समझ लो लाख मुझे तुम 'हारा' हुआ
या कह लो मुझे तुम 'नाकारा'
मैं तो आज भी अपनी माँ का 'राजा' बेटा हूँ
- साकेत गर्ग 'सागा'-
बुन्देलन की सुनो कहानी हम तो तुमे सुना रए
छत्रसाल से राजा हम तो चरनन शीश नवा रए
अपनन को साथ न पाओ तो भी अपनो राज बसाओ
करी लड़ाई भीषण इत्ती और भगवा को मान बढ़ाओ
छत्रपति ने करी बड़ाई कई कुलदेवी ने भेंट कराई
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वो किसी राजा की रानी बन गयी
और मेरी आँख का पानी बन गयी
बेमौत उसने मुझे मार डाला
किसी गैर की वो जिंदगानी बन गयी-