QUOTES ON #रचयिता

#रचयिता quotes

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19 MAY 2019 AT 13:15

इत्र की महक हो
या फूलों की खुशबू
तेरे नाम से सब
खिंचे चले आते हैं
एहसास दिल के
सारे भीग जाते हैं
मन के नेत्रों से
वो नज़ारे भी
दृश्यमान
हो जाते हैं
जो रचयिता
की किताब में
लिखे ही
नहीं जाते हैं!🌹

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31 JAN 2019 AT 18:35

पग-पग सींचता चल धरा,
अश्रू धारा व स्वेद बूँदों से...!
तू स्वयं रचयिता नियति का,
कर्म और संघर्ष की लेखनी से...!

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11 MAY 2019 AT 21:53

अभी भी वक्त है सम्भल जा ए बंदे ,
यूं कर ना किनारा मूल्यों से मेरे ।
इस सृष्टि का विधाता मै ,
नैतिक मूल्यों का पाठ सिखाया मैने ।
संस्कारों का दिया उपहार है ,
मानवता को धर्म बताया मैने ।
हुए जो ख़तम ये मूल्य मेरे ,
सृष्टि का विनाश आयेगा ।
प्रलय की आंधी में सब ,
चकना चूर हो जाएगा ।

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25 APR 2021 AT 15:47

हर मनुष्य अपनी सेहत या बीमारी का रचयिता हैं ..✍🏻

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7 JUL 2024 AT 9:19

ईश्वर...।

मनुष्य के लिए
स्वयं दोषमुक्त हो पाना
संभव न था,

मिट्टी पानी से बनी ...
पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से जुड़ी
...देह की भी बंदिशें रहीं कुछ

अतः उसने गढ़े सर्व गुण संपन्न...
...निर्दोष ईश्वर।

(संपूर्ण रचना अनुशीर्षक में)

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14 JUN 2017 AT 11:30

कम शब्दों में
बातें जब गहरी हो,
दुनियां को देखें
वो आँखें भी पैनी हो,

गुण है ये उसके
जो कहलाता रचयिता है,
निखारता है शब्दों को
और सोच को दर्शाता है,
अपने व्यक्तित्व से
एक पहचान नई बनाता है।।

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प्रसव पीड़ा
सह पाती है स्त्री
क्योंकि उसे
वह अदम्य साहस
सृष्टि की रचयिता
बनाता है और वह
थोड़ा पूर्ण कर जाती है
समाज के अधूरेपन को।

सिर्फ एक शिशु
जन्म नहीं लेता तब
जन्म लेती है
धरा का भार बाँटने
एक और माँ!

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30 JUN 2018 AT 21:33

आयुष्य कायम आत्ता काढून ठेवलेल्या हेडसेटसारखं...

कितीही नीट काढून ठेवलं तरी पुन्हा हातात येतो तो गुंता आणि गुंताच...


©प्रसाद रमाकांत जोशी

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8 MAR 2024 AT 23:10


तभी तो उसे सृष्टि की रचयिता कहते है
ईश्वर का अवतार है जिसमें हर देवता बसते हैं
कभी बेटी कभी बहना
कभी मोहब्बत की पीर है
औरत है पूरी कायनात
ये दुनिया क्या जाने
तू सबकी तकदीर है

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27 SEP 2019 AT 8:27

इस युग में,
प्रेम होना लाज़मी है।
कुछ तो प्रेम के रचयिता बन गए,
तो कुछ नाटककार।

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