कर्फ्यू भी जरूरी है , बातचीत में,
दंगें भड़क न जाये, डर लगता है..-
"मैं"
लिखो तो एक किताब हूँ मैं,
पढ़ो तो एक कहानी
देखो तो एक ख़्वाब हूँ मैं,
सुनो तो सुमधुर वाणी
छेड़ो तो सैलाब हूँ मैं,
स्थिर हूँ तो पानी
स्नेह करो तो देवी तुल्य हूँ,
लड़ो तो झाँसी की रानी
अब तो समझ गये ही होंगे
मैं कैसी हूँ दीवानी।
- रंजू सिंह-
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बचपन से लेकर जवानी तक
बेशुमार मोहब्बत उससे एक तरफा किया।
जब आया मुझे अपनाने वो
जिंदगी से ही नहीं, दिल से उसे दफा किया।-
बदल दू ख़ुद को, तो मेरा वजूद क्या,
कभी इसी शक्सियत से मोहब्ब्त हुईं थीं तुम्हें।
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जो हमें खुद की नजरों से परखने मे लगे है न,
उनके लिए,
तुम्हें वक़्त लगेगा हमें समझने मे,
और हमारे पास ज़रा भी बेफिजूल वक़्त नहीं तुम्हें देने को।
तुम्हें जो सोचना हैं सोचो मेरे बारे में, कोई फर्क नहीं पड़ता,
आज बता रहे है, फ़िर ना आएंगे बताने को। 🙂
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ख़ुदा से माँग लिए हैं मैंने,
सभी रंज़ ओ ग़म तुम्हारे ,
अब चंद लम्हात् में ....
मेरी ज़न्नत
सिर्फ तुम्हारी होगी ।।
#अक्स
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जिसे अपना माना था वो,
कभी अपना ना बन पाया...
...
और
...
जो अपना था वो,
गैर की परिभाषा सीखा कर गया...-
रुक खुशी के पल अभी साथ मत छोड़ ।
की मुझे जि लेने दे ज़िंदगी थोड़ा सा और।-
यूँ तो हर दिन पूजना आपको मेरा काम है
लेकिन सावन का पवित्र महिना महादेव आपके नाम है...☘️🍀🙏🙏-