आँगन में नीम और बरगद मुरझाने लगें हैं,
लगता है घरके बच्चें अब मोबाइल चलाने लगे हैं।।-
मोबाइल फोन उन दिनों लोगों का एक मात्र सहारा था वायरस के कारण। उसने देखा कि माता-पिता अपने बच्चों की शिकायत करने में लगे हुए हैं कि "सारा दिन बस मोबाइल और मोबाइल में ही लगे हुए रहते हैं। पता नहीं क्या होगा इन बच्चों का।
उसी दिन "अभि" ने अपने आपसे एक वादा किया कि आज के बाद जब भी अभिभावक अपने बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए देखेंगे तो उनके मन में किसी भी प्रकार की शिकायत या संशय नहीं होगा अपितु एक गर्व होगा और वो लग गया।
उसके बाद उसने अपने प्रकाशन में युवाओं को एक-एक कर के जोड़ना प्रारंभ किया और आज का दिन है कि आज कम से कम दो सौ बच्चे तथा बच्चियाँ उसके प्रकाशन में मोबाइल से एडिटिंग, प्रूफरीडिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, फॉर्मेटींग, काउंसलिंग जैसे अद्भुत व आकर्षक कार्य करते हैं और अब कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को देखकर ये नहीं कहते हैं कि क्या दिन भर मोबाइल में लगा रहता है बल्कि माता-पिता आकर आदरपूर्वक पूछते हैं कि बेटे आपने खाना खाया या चाय-कॉफी कुछ लोगे?
ये सम्मान और आदरभाव आज मोबाइल फोन के द्वारा ही सभी बच्चों को प्राप्त हुआ है, वहीं पर कई गृहस्वामिनियों को मोबाइल फोन के माध्यम से ही दोबारा अपने लेखन कार्य को प्रारंभ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ और साथ ही साथ आज तक वो कम से कम 1,500 से ज्यादा पुस्तकों का प्रकाशन और लाखों प्रतियों का मुद्रण कर चुका है। पता है वो कौन है? वो है......-
इस बिगडी़ हुई जिंदगी की इतनी कहानी है
हमें बिगाड़ने में इस मोबाइल की कारस्तानी है-
गाड़ी चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करते हो
ओर दुर्घटना होने पर किसी और पर आरोप लगाते हो-
बदलती दुनिया में साथ का झूठा वादा हैं मोबाइल
मँहगाई के दौर में बिन रिचार्ज के आधा हैं मोबाइल
इसने रिश्तों को जोड़ा हैं तो तोड़ा भी हैं, मगर दुःख हैं
कि आज लोगों के लिए अपनों से ज्यादा है मोबाइल-
हाँ मैं प्यार में हूँ 🦋❤️🦋
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हाँ जी.....
लगता है, मैं प्यार में हूँ ♥️
पर पूछना मत किसके
हवाओ से, चाँदनी से
मुठ्ठी से फिसलती रेत से❣️
डूबे है आकंठ तक प्यार में
लिखते जाते हैं उसका नाम
जहाँ तहाँ उसके आस पास
पवित्र, मासूम, निर्दोष सा प्यार❣️
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अच्छा है स्कूलों में मोबाइल ले जाना अलाउड नहीं है
नहीं तो मास्टर जी कुटाई करते और दोस्त वीडियो वायरल करते।-
इंसानो से ज्यादा अहमियत आज
काँच के खिलोने मोबाइल की हो गई
ऐसी फितरत अब इंसान की हो गई-