सरकारी मैडम जैसे तेवर है उनके
जनाब
प्यार मांगता हूँ तो कहती है कल आना
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इबादत हैं ये मेरी, जो मै हर रोज करता हुं...
हर शक्स को मै झुककर अदबी से ऐतराम करता हूं...-
मेरो ब्याह करादे मैया कोई मैडम से..
रोज रोज जो ऑफिस जावे..बन ठन के ।..मेरो..
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छोटे छोटे बाल वाके गोरा गोरा मुखड़ा
चश्मा लगाके लगे चाँद का टुकड़ा
ऊँची सैंडल पहन के चाले
कबहूँ न मुख पै पल्लू डाले
ऐसो ही ज़मानो आयो है कसम से ।..मेरो..
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सवेरे सवेरे उसे प्यार से जगाऊँगा
बैडटी पिलाऊँगा नाश्ता खिलाऊँगा
गाड़ी पै बिठाके उसे छोड़ने भी जाऊँगा
छोड़ने भी जाऊँगा लेने भी जाऊँगा
ऐसो ही ज़मानो आयो है कसम से ।..मेरो..
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उसका जनमदिन धूम से मनाऊँगा
शादी की सालगिरह उसको घुमाउँगा
फोटो भी खिचाऊँगा सिनेमा दिखाऊँगा
खाना भी खिलाऊँगा तोहफा भी दिलाऊँगा
ऐसो ही ज़मानों आयो है कसम से ।..मेरो..
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सासरे में जाके मै तो घर बनवाऊँगा
मंदिर नहीं जी मै तै ससुराल जाऊँगा
ससुराल वालों के ही गुणगान गाऊँगा
मम्मी पापा भाई बहिन सब भूल जाऊँगा
ऐसो ही ज़मानो आयो है कसम से ।..मेरो..
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मैडम जी हैं बड़ी सजीली
बातों से हैं लगती गर्वीली
(आगे की दास्तान अनुशीर्षक में...)-
सूरज☀️सर छुट्टी पर गए है
इसलिए उनकी जगह वर्षा🌧️मैडम एक्स्ट्रा क्लास ले रही है
जबकि वर्षा मैडम का कोर्स पूरा हो गया है
अब तो रिवीजन पर रिवीजन कराए जा रही है-
क्रेडिट कार्ड के ऋण अब चुकाये नही जाते
खर्चे ऐसे जो रोके नही जाते
सपने तो मैडम के होते है जो कभी पूरे नही हो पाते
और हम बेचारे इसी चक्र में हर बार फंसे चले जाते-
"मैडम स्वागत कर रही बच्चे भी सत्कार।
कुकुर पालतू झपटते ये कैसा व्यवहार?"
😊डबल गेम😊-
उन नैनन पर ऐनक लागे,
प्यारा रूप रंग।।
मुस्कान भरी होठन पे,
शरारत नहीं कुछ कम।।
बाड़मेर पहुंच ये देखो,
होगए सब दंग।।
हँसमुख है स्वभाव सखी का,
हमरी बाबु बनी मैडम।।-
बात चाय की हो यार उसके मुहब्ब्त की
मुझे दोनों ही स्ट्रांग पसन्द है-
सुनो मैडम ज़रा एक कफ चाय पिला देना...!!
चीनी न डालना बस अपनी उंगली घुमा देना...!!-