कल उसकी शादी और आजाद हो जाऊंगा
वों तो सुहागन हो जायेगी और मै बर्बाद हो जाऊंगा-
मैं हासिल हुई चीजो की कद्र भूल जाता हूं
किरदार पे किरदार जाया हो रहे बाबा
किस्मत मे कोई मालिक भी होगा या सब किरायेदार ही लिखें है-
उमरकैद सजा पा चुके बंदी माफिक है ज़िन्दगी
जाने क्यू अब आज़ादी आज़ादी सा सुकून नही देती-
मेरे खातिर क्या क्या छोड़ोगे
ये बताओं मूझे क़ब छोड़ोगे
अरे नही हु मै तेरे कुर्बानियों के काबिल
मैंने तेरा दिल तोड़ा है मेरा दिल क़ब तोड़ोगे
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हाँ याद है
और भुलाया भी जाता नही
तुम जो छोड़ गए मूझे बेपरवाही से
ऐसे तो कोई जाता नही-
इस मर्तबा नही लौटा परिंदा वापिस मेरे घर को
भटक गया है शायद या पिजड़ा सोने का पसंद आ गया-
एक उम्र गुजारो मेरे साथ
हो तेरे हाथो मे मेरा हाथ
सपना कहो या गलतफहमी
तुम शुरू बात या मै करू शुरुआत-
कहानी खत्म हो गयी पर किरदार अधूरा रहा गया
तुम मिले पर इंतजार अधूरा रह गया
ज़ब हम थे हम ही तो थे
ज़ब बिछड़े हम दो यार प्यार अधूरा रहा गया-
दिल दीपावली और दिललगी एक साथ है
समय और तवियत दोनों ही नासाज है
आरज़ू है हो जाऊ गुम और गुमनाम
इसी 15 को उसकी बारात है-
दिल निकाल कर मूझे बेघर करोगे
शायद मूझे भटकता दर-बदर करोगे
चाहते हो इतना तुम भी हमें ये बखूबी पता है
अब ये बताओं इंतजार करोगे या इकरार करोगे-