दिन और रात बीतते-बीतते दौर बीत गए।
तुझसे इश्क़ करने के वो माहौल बीत गए।-
"" माहौल ""
सोचने समझने की क्षमता में असीमित परिवर्तन लाने का काम कर देता है "माहौल"
जिंदगी को जीने की अटल इच्छाशक्ति को भी मजबूत करने का ही नाम है "माहौल"-
एक दौर था जब हम शरीफ हुआ करते थे !
आज शरीफ तो बनना चाहते है-
पर ये जुबान साथ नहीं देती !!-
अभी दिन है थोड़ी शाम होने दो यार,
बदनामी छोड़ ज़रा नाम होने दो यार।
कब से बैठे हैं यारों की महफिल में-
अब माहौल ज़रा गुलफाम होने दो यार।-
महफ़िल में माहौल बनाए रखा
हर दर्द को सीने से लगाए रखा
आख़िर क्या दर्द है,क्या मर्ज है
हर घड़ी ये मसला जगाए रखा।-
चाय तु नही है चटपटी ,
लेकिन तेरा साथ और दोस्तो की बात,
माहौल को चटपटा बना देते है ।-
अकेले में सफर बस का, और मीलों तक तन्हा सड़क,
माहौल ख़ुद ब ख़ुद बना देते हैं कुछ नया लिखने का॥-
माहौल बदल रहा है शहर का मेरे भी
अब भँवरे उलझे भँवरों से और तितलियाँ तितलियों से-