।। मेरे महाकाल तू तो वो त्योहार है
जो मैं हर रोज मनाता हूँ ।।
🔱🙏🏻 जय श्री महाकाल 🙏🏻🔱-
महिमा तेरी अपार है
तू मेरा रखवार है,🌼
तेरी कृपा से मिली मुझे
भक्ति अपरंपार है, 🌼
हर मुश्किल की घड़ी में
तूने दिया मुझे प्यार है, 🌼
महाकाल तू विश्वनाथ तू
भोले शंकर नाथ है ।🌼-
"लोग कहते हैं अगर हाथों की लकीरें अधूरी हो तो किस्मत अच्छी नहीं होती।
लेकिन हम कहते हैं कि सर पर महाकाल का हाथ हो तो लकीरों की जरूरत ही नहीं होती।
🚩।।🕉️जय महाकाल।।🚩
वा. सांदीपनि आश्रम निमगांव
[30/1, 10:10 pm] Hariom: ३१/१/२२
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अपनी दुनिया तो
माँ से शुरू और महादेव पे खत्म
🙏📿🍁 हर हर महादेव 🍁📿🙏
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हे ध्यानमग्न वैरागी वो
वैरागी अविनाशी वो।
अविनाशी विनाशी वो
विनाशी प्रवासी वो।.
वो ॐ वो ॐ
ॐ शम्भोः शम्भोः
शम्भोः शम्भोः।
हे व्याग्रचर्म परिधानी वो
डमरूधारी ज्ञानी वो।
विषधारक दानवारि वो
नीलकंठ सन्यासी वो।
वो ॐ वो ॐ
ॐ शम्भोः शम्भोः
शम्भोः शम्भोः।
हे साधक भोला भाला वो
रुद्राक्षी मुंड माला वो।
हिमांशु धारी हिमाला वो
प्रतापी त्रिशूल वाला वो।
वो ॐ वो ॐ
ॐ शम्भोः शम्भोः
शम्भोः शम्भोः।
शम्भो विराजे शशि शेखर
धूलि भस्म रमाये कलेवर।
शम्भो सहस्त्र कलानिधान
सुशिल शांत भाल नीतिमान।
शम्भो हर विपदा सहाय
जीवन सुधा का प्रयाय।
शम्भो: नमः शिवाय।
शम्भोः नमः शिवाय।।
ॐ शम्भो: शम्भो:
शम्भो: शम्भो:-
सिर के केश बढ़ा कर
उन्हें जटा बनाऊं,
अपने पतले से तन पर
कुछ भस्म लगाऊं,
नहीं आदर्श और कोई मेरा
जो उस जैसा बन जाऊं,
मेरी तो बस चाह यही है
कैसे भी हो बस तेरा हो जाऊं,
पीकर भांग, खाकर धतूरा
मैं भी मस्त मलंग हो जाऊं,
आठ पहर, बारह मास
बस शिवगण और श्मशानी कहलाऊं,
मरघट निवास हो, तेरा साथ हो
तेरी अधमुंदी आंखों में डूब जाऊं,
सुन ले हे अद्भुत सौंदर्य के पर्याय!
मोक्ष, गति, स्वर्ग मैं ना ये कंकड़ चाहूं
तू रहे... वो कैलाश...वो ही मरघट चाहूं।-
ऐसा डमरू बजाया, भोलेनाथ ने।सेलीगढ़ी का धाम, मगन हो गया।›2≥4
ऐसा डमरू बजाया, भोलेनाथ ने।सेलीगढ़ी का धाम, मगन हो गया।
वहां गंगा की बेटी मगन हो गई।≥2वहा नाम उजाड़ मगन हो गया।
वहां भक्तों की भीड़ में मगन हो गई।वहा बहती उजाड़ मगन हो गई।
ऐसा डमरू बजाया, भोलेनाथ ने।सेलीगढ़ी का धाम, मगन हो गया।›2≥4
ऐसा डमरू बजाया, भोलेनाथ ने।सेलीगढ़ी का धाम, मगन हो गया।
डमरू को सुनकर वहां मेला लगाया।≥2मेला लगाया वहां मेला लगाया।
डमरू को सुनकर वहां मेला लगाया।मेला लगाया वहां मेला लगाया।
ऐसा डमरू बजाया, भोलेनाथ ने।सेलीगढ़ी का धाम, मगन हो गया।›2≥4
ऐसा डमरू बजाया, भोलेनाथ ने।सेलीगढ़ी का धाम, मगन हो गया।
Mob-7688819445-
काल भी तुम, काल के पालनहार भी तुम
हे त्रिलोकाधिपती, मेरे महाकाल हो तुम
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सब राह देख रहे है घडि सजाकर
आने वाले नये साल की..
मेरा क्या..
मेरी आँखो में बस छबि है
मेरे शम्भूनाथ की
करो तैयारी बारातीयों आने वाली है
महा शिवरात्रि मेरे महाकाल की-
नेत्र हैं शिव तो शक्ति हैं दृष्टि ❤❤
इसी प्रेम में समायी है ये सारी सृष्टी 🌿🍂
🙏📿🏵️🌼 हर हर महादेव 🌼🏵️📿🙏
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामाएं-